नई दिल्ली: विस्फोटकों भरी सफेद सेंट्रो कार के जरिए पुलवामा पार्ट-2 की साजिश रची गई थी, लेकिन भारतीय सुरक्षाबलों ने समय रहते 28 मई को 40-45 किलो IED से भरी इस कार को हवा में उड़ाकर एक बड़े आतंकी हमले की प्लानिंग को नाकाम कर दिया.
साजिश के हर किरदार हो रहे बेनकाब
भारत के शूरवीरों ने वक्त रहते इस आतंकी साजिश को नाकामयाब कर दिया, नहीं तो पिछले साल के पुलवामा हमले से भी बड़ी तबाही मच सकती थी. इस हमले के तार सरहद पार से जुड़े तो हैं ही, अब इस साजिश के हर किरदार बेनकाब होने लगे हैं.
पुलवामा पार्ट-2 की साजिश का मास्टरमाइंड जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर का करीबी रिश्तेदार निकला है और उसका नाम इस्माइल अल्वी उर्फ इस्माइल लंबू है.
इस्माइल लंबू ने रची थी पुलवामा हमले की साजिश
बीते 14 फरवरी 2019 को जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में CRPF के काफिले पर हुए आत्मघाती हमले में जो 40 जवानों की शहादत हुई थी, उसकी साजिश सरहद पार से मसूद अजहर ने ही रची थी और इसे घाटी में अंजाम देने की कमान उसने अपने रिश्तेदार इस्माइल लंबू को सौंपी थी. उस हमले के 15 महीने बाद फिर से पुलवामा में सुरक्षाबलों को टारगेट कर उसी तरह से कार से आत्मघाती ब्लास्ट करने की साजिश रची गई थी और जांच से जुड़े अधिकारियों के मुताबिक, इसका सूत्रधार इस्माइल लंबू ही था.
फौजी बाबा के नाम से भी मशहूर है इस्माइल
जैश के सरगना मसूद अजहर का रिश्तेदार इस्माइल अल्वी 2018 के अंत में कश्मीर घाटी पहुंचा था. आतंकी नेटवर्क में इस्माइल अल्वी, लंबू के अलावा फौजी बाबा के नाम से भी मशहूर है. इस्माइल फिलहाल कश्मीर घाटी में जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख के तौर पर काम कर रहा है. कारी मुफ्ती यासिर के मारे जाने के बाद इस्माइल ने कश्मीर में जैश प्रमुख की कमान संभाली.
बम फिट करने में बेहद माहिर है ये आतंकी
इस्माइल 2019 के जनवरी महीने में कश्मीर में जैश का प्रमुख बना था. इस्माइल लंबू IED एक्सपर्ट माना जाता है और बम फिट करने में बेहद माहिर है. कश्मीर में जैश की कमान संभालने के अगले महीने ही उसने पुलवामा में CRPF के काफिल पर हमले में अहम रोल निभाया था.
बम को लेकर अपनी विशेषज्ञता का पूरा इस्तेमाल इस्माइल लंबू ने 2019 के पुलवामा हमले में किया था. उसने ही जिलेटिन की छड़ें और अमोनियम नाइट्रेट के साथ-साथ दूसरे विस्फोटक सामान जुटाए थे और फिर उसे मारूति ईको कार में फिट किया था. और फिर इसी कार से CRPF के काफिले की गाड़ी को टक्कर मारी गई थी जिसमें 40 जवान शहीद हो गए थे.
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इस बार भी इस्माइल लंबू ने वैसी ही प्लानिंग रच रखी थी लेकिन खुफिया एजेंसियों की सतर्कता और सुरक्षाबलों की मुस्तैदी की वजह से पुलवामा जैसे हमले को दोहराने की साजिश को बेनकाब कर दिया गया. इस्माइल लंबू की खोज पिछले साल के पुलवामा हमले के बाद से ही हो रही है और अब उसकी तलाश और तेज भी कर दी गई है. जल्द ही इस केस की जांच की कमान NIA संभाल लेगी जिसके साजिश की परतें और ज्यादा खुल पाएंगी.
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