फांसी के पहले: निर्भया के गुनहगारों का हाल

आज सुबह साढ़े पांच बजे हो जायेगी मौत से मुलाकात निर्भया के दरिन्दों की. इसकी पूरी संभावना है कि आधी रात को सुप्रीम कोर्ट खुलवा कर सुनवाई करवाने का पैंतरा उनके किसी काम नहीं आएगा. आज की रात इन अपराधियों ने हर लमहा बड़ी शिद्दत से ये तमन्ना की कि इस रात की सुबह न हो..मगर सुबह आई ज़रूर लेकिन इनके लिये आखिरी बार आई..  

Written by - Parijat Tripathi | Last Updated : Mar 20, 2020, 07:22 AM IST
    • होगी मौत से मुलाकात साढ़े पांच बजे
    • रो पड़े चारों दरिन्दे
    • डीजी ने की तैयारी को लेकर की अंतिम बैठक
    • चारों ने अंतिम इच्छा नहीं बताई
फांसी के पहले: निर्भया के गुनहगारों का हाल

नई दिल्ली. अभी बजे हैं ढाई और बस तीन घंटे बाद अपने अंजाम पर पहुँच जाएंगे निर्भया के दरिन्दे. इनके मामले में इनके लिए दोषी शब्द का प्रयोग करना घटना के साथ और पीड़िता के साथ न्याय नहीं होगा. दोषी सामान्य अपराधी होते हैं, इन जैसे घृणित अपराधियों को दरिंदा कहना ही उचित होगा. आइये जानते हैं फांसी से पहले क्या हैं हाल. 

 

रो पड़े चारों दरिंदे 

ये चारों गुनहगार भी जानते हैं कि फांसी उनकी अब टल नहीं पाएगी. इसलिए इतने बड़े अपराधी आज तिहाड़ जेल में फांसी से पहले रो पड़े.  मौत के सामने अपराध क्या और अपराधी क्या. कितना भी बड़ा कोई अपराधी क्यों न हो, मौत के सामने उसकी औकात बित्ते भर भी नहीं होती.

होगी मौत से मुलाकात साढ़े पांच बजे 

तय समय फांसी का आज साढ़े पांच बजे का है है. और उसके दो घंटे पहले उन्हें जगाने का आदेश है. तो ये आदेश अक्सर हर फांसी के अपराधी के लिए अर्थहीन होता है क्योंकि वह मौत की रात नहीं सोता है. ये चारों भी चाहते तो भी सो नहीं पाते आज की रात क्योंकि ये जानते हैं कि ये है इनकी ज़िंदगी की आखिरी रात. 

 

डीजी ने की तैयारी को लेकर बैठक 

तिहाड़ जेल के अधिकारियों ने फांसी को लेकर पूरी मुस्तैदी दिखाई है. इस सिलसिले में तिहाड जेल के DG ने  फांसी की तैयारी पर एक अंतिम बैठक भी कल शाम सम्पन्न की. चारों गुनहगारों से उनकी अंतिम इच्छा पूछी गई है जो कि उन्होंने अभी तक बताई नहीं है. फांसी के बाद इन चारों दरिन्दों के शवों का पोस्टमार्टम दीनदयाल अस्पताल में किया जायेगा.

सेल के भीतर रात बड़ी भारी है

 ये चारों तिहाड़ जेल की अलग-अलग सेल में रखे गये हैं. चारो गुनहगार आंसुओं और बेचैनी के दरमियान रात का हर लमहा काट रहे हैं. इनका बस चले तो वक्त यहीं रोक दें और इस रात की सुबह नहीं होने दें. चारों पर लगातार नज़र रखी जा रही है क्योंकि डर है कि एक सेकंड नज़र चूकते ही ये गुनहगार आत्महत्या का प्रयास कर सकते हैं जो कि फांसी को फिर से रोकने की वजह दे सकता है, हालांकि यहां ये भी बताना जरूरी है कि इनका आज रात एक ऐसा प्रयास नाकाम भी किया गया है. 

फांसी के उपरान्त पोस्टमार्टेम

इन गुनहगारों की साढ़े पांच बजे फांसी हो जाने के बाद उनके शव तिहाड़ प्रशासन द्वारा दीन दयाल अस्पताल ले जाये जाएंगे. इस अस्पताल में इन शवों के पोस्टमार्टेम की औपचारिकता का निर्वाह किया जायेगा. ये पोस्टमार्टेम सुबह करीब 8 बजे शुरू हो सकता है. पोस्टमार्टेम के बाद इनके शव इनके परिवार को सौंप दिये जायेंगे. यदि वे शव लेने नहीं आते तो जेल प्रशासन द्वारा उनका अंतिम संस्कार कर दिया जायेगा. इन आठ सालों में इन अपराधियों ने जेल में रह कर जो श्रम किया है उसका पारिश्रमिक राशी उनके कैदी एकाउंट से उनके परिजनों को दे दी जायेगी. 

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