नई दिल्ली. ये घटना एक नहीं होगी, अनेकों ऐसी घटनाएं हुई होंगी और रोज़ रोज़ हो रही होंगी जिनकी जानकारी हम तक नहीं पहुंच पा रही है. लेकिन इसकी विपरीत दिशा में देखिये ऐसे एक दो भयभीत डॉक्टरों को छोड़ दीजिये, फिर देखिये भारत में लाखों डॉक्टर्स अपनी ड्यूटी कर रहे हैं यह जानते हुए भी कि यदि कोरोना का मरीज़ आ गया तो वे खुद भी संक्रमित हो सकते हैं. ज़ी न्यूज़ ऐसे देश के हर डॉक्टर को सलाम करता है.
गाजियाबाद प्राधिकरण की घटना है ये
वैश्विक आपदा के इस दौर में अगर डॉक्टर्स भी डरे हुए हैं तो इसमें अचरज की बात कुछ भी नहीं. यही देखने में आया गाजियाबाद प्राधिकरण में काम कर रहे कुछ सरकारी डॉक्टरों के मामले में जो कि इस घातक बीमारी से अपना बचाव करने के इरादे से अपनी ड्यूटी छोड़कर ही चले गए. जब यह जानकारी अस्पताल को लगी तो अंदर हड़कंप मच गया.
हेल्प डेस्क की गई है तैयार
योगी सरकार की मुस्तैदी के कारण स्वास्थ्य विभाग गाजियाबाद में भी सक्रीय है. विभाग की ओर से कोरोना को लेकर यहां के एमएमजी अस्पताल और संयुक्त जिला चिकित्सालय में एक हेल्प डेस्क तैयार की गई है. इस हेल्प डेस्क में मरीज या वे व्यक्ति जिनको संदेह है, डॉक्टर से संपर्क कर अपनी बीमारियों के लक्षण उनके साथ साझा कर सकते हैं. इसी जिम्मेदारी को निभाने के लिए स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत डॉक्टरों को यहां पर तैनात किया गया था.
प्राधिकरण भी हो गया है सतर्क
इसमें गलत भी कुछ नहीं कि कोरोना वायरस के प्रकोप से हर कोई डरा हुआ है फिर चाहे वो मरीज हो या डॉक्टर. हर व्यक्ति चाहता है कि वह संक्रमित लोगों से दूर रहे ताकि इस बीमारी से बचा रह सके. इसी वजह से सरकार ने डॉक्टर्स को विशेष निगरानी रखने और सतर्कता बरतने का निर्देश दिया है. साथ ही लोगों से भी कहा गया है कि बिना जरूरी कारण घरों से बाहर निकलने से परहेज करें. अब प्राधिकरण में भी जांच के बाद ही लोगों को अंदर प्रवेश दिया जा रहा है.
ये भी पढ़ें. केंद्र सरकार ने आधे कर्मचारियों को वर्क फ्रॉम होम पर भेजा