नई दिल्ली: आखिरकार राम मंदिर निर्माण की तारीख आज मिल जाएगी. आज राम मंदिर निर्माण के लिए जवाबदेह 'राम मंदिर तीर्थ क्षेत्र' ट्रस्ट की पहली बैठक होगी. पहली बैठक आज दिल्ली में होगी, रामलला के वकील रहे के परासरन के ग्रेटर कैलाश स्थित घर पर ट्रस्ट की पहली बैठक होगी. इसी पते पर ट्रस्ट को रजिस्टर किया गया है.
Delhi: The first meeting of Ram Temple Trust underway at the residence of K Parasaran, the head of the Trust. pic.twitter.com/ahuhB5dnwz
— ANI (@ANI) February 19, 2020
क्या होगा ट्रस्ट की पहली बैठक में?
1. राम मंदिर निर्माण के शुरू होने की तारीख का ऐलान संभव
2. राम मंदिर निर्माण के पूरा होने की समयसीमा तय की जा सकती है
3. निर्माण के लिए फंड कैसे जुटाया जाएगा, इसको लेकर निर्णय लिया जा सकता है
4. निर्माण के लिए श्रद्धालुओं और जनता से पैसा लेना है कि नहीं इस पर चर्चा संभव
5. निर्माण कार्य के दौरान रामलला के लिए सही स्थान के चयन पर भी फैसला संभव
6. मौजूदा समय में रामलला की सुरक्षा को बहाल रखा जाए या बदला जाए इस पर फैसला
7. ट्रस्ट को सौंपी गई जमीन और उससे संबंधित प्रक्रिया पर निर्णय हो सकता है
8. महंत नृत्य गोपाल दास को ट्रस्ट में शामिल करने को लेकर भी फैसला हो सकता है
9. ट्रस्ट के विभिन्न पदों के लिए चुनाव पर भी इसी बैठक में घोषणा
10. ट्रस्ट के दो अन्य सदस्यों के नाम पर भी बैठक में मुहर लग सकती है
राम मंदिर के निर्माण की शुरुआत की तारीख का ऐलान!
बैठक में ट्रस्ट के सदस्यों के अलावा विश्व हिंदी परिष्द के चंपत राय और महंत नृत्यगोपाल दास भी शामिल हो सकते हैं. इस बैठक में ही राम मंदिर के निर्माण की शुरुआत की तारीख का ऐलान हो सकता है. श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के लिए 15 सदस्यों के नामों का ऐलान हो गया है. इस बैठक से पहले यूपी सरकार की तरफ से IAS अधिकारी अवनीश अवस्थी और अयोध्या के जिलाधिकारी अनुज झा को ट्रस्ट का सदस्य बनाया गया है.
अयोध्या से 4 ट्रस्टी के अलावा महंत नृत्य गोपाल दास भी बैठक में शामिल हो रहे हैं. बैठक में निर्मोही अखाड़ा पूजा का अधिकार और अखाड़े के 6 सदस्यों को ट्रस्ट में शामिल करने की मांग कर सकता है.
'अधिग्रहित क्षेत्र में कहीं कोई कब्रिस्तान नहीं है'
इसी बीच अयोध्या के 9 मुस्लिमों ने श्री राम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सभी सदस्यों को एक पत्र लिखा है. पत्र में पूछा गया है कि क्या कब्रगाह की जमीन पर मंदिर बन सकता है. बाबरी मस्जिद के पक्षकार इकबाल अंसारी ने मुसलमानों के इस दावे को खारिज किया है. रामलला के प्रधान पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा है कि पूरे अधिग्रहित क्षेत्र में कहीं कोई कब्रिस्तान नहीं है.
इस बैठक का मुख्य एजेंडा मंदिर निर्माण की तिथि और तौर-तरीकों के साथ-साथ, नए सदस्यों का चुनाव होगा. साथ ही मंदिर निर्माण के लिए चंदा लेने का स्वरूप क्या हो इस पर भी चर्चा की जाएगी. ट्रस्ट इस बात पर भी विचार करेगा कि राम मंदिर के पूरे निर्माण को कैसे भव्य बनाया जाए.
रामलला को दूसरे मंदिर में किया जाएगा शिफ्ट
अयोध्या में राम मंदिर निर्माण की प्रक्रिया शुरू हो गई है. मंदिर निर्माण से पहले रामलला को दूसरे मंदिर में शिफ्ट किया जाएगा. मूल गर्भ गृह से करीब डेढ़ सौ मीटर दूरी पर स्थित मानस भवन के नजदीक अस्थाई मंदिर बनाया जाएगा, जहां रामलला को रखा जाएगा. रामलला के मुख्य पुजारी सत्येंद्र दास ने जी मीडिया से खास बातचीत में बताया कि इस वक्त जहां रामलला विराजमान हैं, वह गर्भगृह है, लेकिन मंदिर निर्माण के लिए उस जगह को खाली करना होगा.
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आइए अब आपको बताते हैं कि राम मंदिर निर्माण को लेकर ट्रस्ट की भूमिका औकर जिम्मेदारियां क्या होंगी.
- राम मंदिर निर्माण से जुड़ी सभी प्रकिया की देखरेख
- निर्माण की शुरुआत और खत्म होने की समय सीमा का निर्धारण
- मंदिर निर्माण के लिए राशि एकत्र करने की जिम्मेदारी
- मंदिर से जुड़ी पूरी प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने की जिम्मेदारी
- मंदिर को मिले दान का हिसाब-किताब रखने की जिम्मेदारी
- दान की राशि के सही इस्तेमाल की जिम्मेदारी भी ट्रस्ट पर
- मंदिर आने वाले श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सुविधा का ख्याल रखने की जिम्मेदारी
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बीजेपी ने राम मंदिर ट्रस्ट की पहली बैठक से पहले उम्मीद जताई है कि जल्द देश के सभी नागरिकों का सपना पूरा होगा. जहां आज राम मंदिर निर्माण पर आज ट्रस्ट पर पहली बैठक होने वाली है. वहीं अब इस पूरे मामले को सियासी रंग देने में राजनीतक पार्टियां भी पीछे नहीं है.
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