नई दिल्ली: देशभर में नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ बवाल और प्रदर्शन की आड़ में देश को जलाने की साजिश रची गई. इसकी जानकारी और भी पुख्ता होती जा रही है. CAA की आड़ में देश में हिंसा भड़काने के पीछे पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया यानी PFI का हाथ होने की बात सामने आ रही है.
आठ राज्यों में PFI पिछले कई महीनों से सक्रिय
नागरिक संशोधन कानून पर हुए प्रदर्शन के पीछे पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया यानी पीएफआई के रोल पर जांच का दायरा बढ़ा गया है. सूत्रों के मुताबिक आठ राज्यों में PFI पिछले कई महीनों से सक्रिय है. खुफिया एजेंसियों को इस बात का शक है कि इस हिंसा के पीछे PFI की भूमिका हो सकती है.
इन राज्यों में PFI सक्रिय
- दिल्ली
- आंध्र प्रदेश
- असम
- बिहार
- केरल
- झारखंड
- पश्चिम बंगाल
- उत्तर प्रदेश
मल्टी एजेंसी सेंटर यानि मैक की रिपॉर्ट के मुताबिक PFI से जुड़े लोगों ने उत्तर प्रदेश के कई जिलों में मीटिंग की थी. इतना ही नहीं जानकारी ये भी मिली है कि देशभर में एंटी CAA और NRC के नाम पर हुए प्रदर्शनों में PFI के लोगों के शामिल हुए थे.
CAA के विरोध में PFI ने बांटे थे पर्चे!
सूत्रों के मुताबिक नागरिक संशोधन कानून बनने से से पहले PFI से जुड़े लोगों ने असम और पश्चिम बंगाल में इस कानून के विरोध में आम लोगों के बीच पर्चे बांटे थे. जिसके चलते हिंसा और आग भड़की थी.
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सोमवार को लखनऊ पुलिस ने पीएफआई की इस साजिश का पर्दाफाश करते हुए संगठन के स्टेट हेड वसीम अहमद समेत तीन लोगों को गिरफ्तार किया था. उत्तर प्रदेश में तो हालात इतने बेकाबू थे, कि दंगाइयों ने 55 से ज्यादा पुलिसवालों को गोलियों से शिकार बनाया था.
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