नई दिल्ली: छत्तीसगढ़ में शनिवार को हुए नक्सली हमले में 22 जवानों की मौत के बाद सारे देश में शोक की लहर दौड़ गई. सुरक्षा बलों को सूचना मिली थी कि बड़ी संख्या में नक्सली सुकमा-बस्तर की सीमा पर इक्टठे हो रहे हैं. ऐसे में 2 हजार सुरक्षा बल के जवानों ने नक्सलियों को घेरने की योजना बनाई थी लेकिन घात लगाकर बैठे तकरीबन 400 नक्सलियों ने जवानों पर हमला कर दिया.
हमला ऐसे दुर्गम क्षेत्र में किया गया था जहां जवानों को बचने का मौका नहीं मिला. हमले में 22 जवान शहीद हो गए और 30 से ज्यादा घायल हो गए. एक जवान अब भी लापता है. इस घटना में तकरीबन 12 नक्सली भी मारे गए हैं.
सुरक्षा बलों के खिलाफ इस हमले को अंजाम देने का मास्टरमाइंड पीपुल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी (पीएलजीए) बटालियन नंबर एक के नेता ‘हिडमा’ और उसकी महिला सहयोगी सुजाता को माना जा रहा है. रिपोर्ट्स के मुताबिक ये घटना हिडमा के गांव के करीब घटी है. वहीं इसमें उसका साथ सुजाता ने दिया है.
सुजाता छत्तीसगढ़ की मोस्ट वांटेड नक्सली कमांडरों में से एक है. उसके ऊपर भी हिडमा की तरह 25 लाख का ईनाम है. दिसंबर 2019 में नक्सल कमांडर रमन्ना की मौत के सुजाता ने ही अस्थाई तौर कमान संभाली थी. ऐसा इसलिए भी हुआ था क्योंकि रमन्ना के बाद वही छत्तीसगढ़ की सबसे वरिष्ठ नक्सली नेता थी.
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छत्तीसगढ़ पुलिस ने जून 2020 में 34 मोस्ट वांटेड नक्सलियों की सूची जारी की थी. इन सभी पर पुलिस ने लाखों रुपये का ईनाम घोषित किया था. इस सूची में 2 महिला नक्सलियों के नाम भी शामिल थे जिसमें से एक सुजाता थी. सुजाता के सिर पर भी पुलिस ने 25 लाख रुपये का ईनाम घोषित किया था.
सुजाता को अल्लूरी, कृष्णाकुमारी, सरिता, रत्नाबाई सहित कई अन्य नाम से भी जाना जाता है. वो वर्तमान में राज्य में डिविजनल कमेटी की प्रभारी है और बस्तर में सक्रिय है.
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