ऐसी भी क्या मजबूरी है, जो भारत में 21 दिनों का लॉकडाउन जरूरी है? जवाब जानिए

कोरोना के संकट से निपटने के लिए देश में लॉकडाउन की घोषणा की गई. लाखों लोग ये भी जानना चाहते हैं कि क्या भारत इस स्थिति में आ गया है कि अब यहां लॉकडाउन की नौबत आ गई है. हर कोई ये भी जानना चाहता है कि इस लॉकडाउन की अवधि 21 दिन क्यों रखी गई. इस खास रिपोर्ट में जवाब जानिए,

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Mar 25, 2020, 07:05 PM IST
    • क्या लॉकडाउन से टल जाएगा कोरोना का खतरा?
    • घरों से बाहर ना आएं, लॉक रहकर देशभक्ति दिखाएं!
    • भारत में 21 दिन के लिए ही क्यों हुआ लॉकडाउन ?
    • संक्रमित देशों के अनुभव से सीख लेकर भारत का फैसला
ऐसी भी क्या मजबूरी है, जो भारत में 21 दिनों का लॉकडाउन जरूरी है? जवाब जानिए

नई दिल्ली: देश में कोरोना के मामले दिन-ब-दिन बढ़ते जा रहे हैं. इस वायरस के संक्रमण से बचने का सिर्फ एक रास्ता है लॉकडाउन है. तो प्रधानमंत्री मोदी ने 21 दिनों के लॉकडाउन का ऐलान कर दिया है. सवाल  जिंदगी का है, लेकिन शहर-शहर कई ऐसे लोग हैं जो अपने-साथ-साथ दूसरों की जिंदगी से भी खिलवाड़ कर रहे हैं. आपको बताते है कि देश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 21 दिन के लॉकडाउन का ऐलान क्यों किया है?

भारत में 21 दिनों का ही लॉकडाउन क्यों?

कोरोना वायरस का 'इनक्यूबेशन पीरियड' 14 दिन का होता है. 14 दिनों में कभी भी संक्रमण का पता चल सकता है. एक मरीज कम से कम 4-5 लोगों को संक्रमित करता है. ऐसे में क्वारेंटाइन नहीं किये जाने पर संक्रमण फैलने का खतरा बढ़ जाता है. वायरस के लाइफ़-साइकल को ब्रेक करने के लिए लॉकडाउन का निर्णय लिया गया है.

भारत में 21 दिन का लॉकडाउन क्यों ज़रूरी?

- संक्रमित देशों के अनुभव से सीख लेकर भारत का फैसला 
- कोरोना वायरस का अब तक पुख्ता इलाज तैयार नहीं 
- भारत में कोरोना संक्रमित मरीज़ों की संख्या लगातार बढ़ी
- संक्रमण नहीं रोका गया तो भारत में होगी बड़ी तबाही
- कोरोना को स्टेज-2 से स्टेज-3 में जाने से रोकने की कोशिश
- भारत के कई राज्यों में अभी भी सुविधाओं का अभाव
- भारत की 135 करोड़ आबादी लॉकडाउन की बड़ी वजह
- देश में बड़ी संख्या में अशिक्षित लोगों की आबादी
- कोरोना को लेकर लोगों में गंभीरता का अभाव
- विश्व में कोरोना के खिलाफ लॉकडाउन सबसे सफल उपाय

देश में कोरोना के खिलाफ अब निर्णायक लड़ाई शुरु हो चुकी है. ऐसे में हमारे सामने इस संकट से गुजर चुके दो देशों की नजीर सामने है. कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में इस तरह की परिस्थितियों के सामने इटली और चीन दोनों गुजर चुके हैं. लेकिन इस स्थिति में दोनों देशों का रिस्पॉन्स अलग अलग रहा. जब दोनों देशों के अपने यहां लॉकडाउन किया को चीन ने उसका पालन सख्ती से किया. 

लेकिन इटली ने इसके लॉकडाउन को गंभीरता से नहीं लिया और केवल इसकी घोषणा करके अपने कर्तव्य को पूरा समझा. ऐसे में दोनों देशों का परिणाम भी अलग अलग आया जहां चीन ने अपने यहां कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में निर्णायक बढ़त बना ली है वहीं दूसरी तरफ इटली आज भी इस महामारी से जूझ रहा है और यहां हजारों लोगों की मौत हो चुकी है.

आपदा में आपसे उम्मीद

1. सरकार के निर्देशों का पूरी तरह से पालन करें
2. बेहद जरुरी होने पर ही घरों से निकलें
3. दूसरों को घर में रहने के लिए प्रेरित करें
4. अफवाह फैलाने वाले मैसेज फॉरवर्ड न करें
5. जरूरत से ज़्यादा सामानों का घर में स्टॉक न करें

इसे भी पढ़ें: कोरोना से सावधान, कैसे करें पहचान? इस रिपोर्ट में मिलेगा हर सवाल का जवाब

अब भारत में परीक्षा की बारी है, ऐसे में जहां अधिकतर लोग लॉकडाउन का पालन कर रहे हैं वहीं कुछ लोग ऐसे हैं तो अभी भी लॉकडाउन को खिलवाड़ समझ रहे हैं. ऐसे में ज़ी मीडिया की आपसे अपील है कि लोग घरों से तभी बाहर निकलें, जब बेहद जरूरी हो. लॉकडाउन आपके, आपके परिवार और देशहित में है. घरों से बाहर ना आएं, लॉक रहकर देशभक्ति दिखाएं!

इसे भी पढ़ें: दिल्ली में दुकानदारों को दिया जाएगा ई-पास

इसे भी पढ़ें: दिल्ली, यूपी और बिहार सरकार ने लॉकडाउन में गरीबों को दिया अनोखा तोहफा, जानिए यहां

ट्रेंडिंग न्यूज़