नई दिल्ली. महाराष्ट्र की NDA सरकार में मुस्लिमों को आरक्षण देने को लेकर चर्चाएं हो रही हैं. राज्य में डिप्टी CM अजित पवार का कहना है- पहले जब रिजर्वेशन दिया गया था तब कोर्ट ने इसके लिए मना कर दिया था. शिक्षा में रिजर्वेशन को कोर्ट ने बहाल रखा था लेकिन नौकरियों में नहीं.
सरकार में तीन पार्टियां शामिल
पवार ने कहा-'इस सरकार में तीन पार्टियां शामिल हैं. इसलिए यह मुद्दा मैं मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के समक्ष उठाउंगा. हम सब मिलकर इस मुद्दे पर हल तलाशने की कोशिश करेंगे.'
Pune, Maharashtra: On Muslim reservation in the state, Maharashtra Dy CM (NCP) Ajit Pawar says, "Earlier, when the reservation was given, the court had given permission for reservation in education but not in employment... This is the government of three parties... So I will keep… pic.twitter.com/sEmlfioPVf
— ANI (@ANI) September 25, 2023
जून में उठा था ये मुद्दा
बता दें कि महाराष्ट्र में मुस्लिम आरक्षण को लेकर राजनीति पहले भी होती रही है. बीते जून महीने में कांग्रेस ने एक बार फिर इस मुद्दे राज्य में उठाया था. तब अजित पवार एनसीपी नेता के रूप में महाविकास अघाड़ी गठबंधन के सदस्य थे.
महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वर्किंग प्रेसिडेंड और पूर्व मंत्री नसीम खान ने यह मुद्दा उठाया था. तब मुस्लिम समुदाय के लिए शिक्षण संस्थानों और नौकरियों में पांच प्रतिशत आरक्षण की मांग की गई थी. उस समय इस मांग को महाविकास अघाड़ी के राजनीतिक कार्ड के रूप में देखा गया क्योंकि अगले साल लोकसभा और विधानसभा चुनाव दोनों ही प्रस्तावित हैं.
मराठा आरक्षण का मुद्दा भी जोरों पर
बता दें कि महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण के मुद्दे ने भी जोर पकड़ना शुरू कर दिया है. राज्य के इस महत्वपूर्ण समुदाय की आबादी करीब 32 प्रतिशत है. यह समुदाय हमेशा राजनीति के केंद्र में रहा है. मराठा समुदाय की मांग है कि हमें अन्य पिछड़ा वर्ग यानी ओबीसी में शामिल किया जाए.
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