नई दिल्लीः साल 2020 भारत के लिए कई मायनों में खास रहा. खास इसलिए, क्योंकि इस साल Corona महामारी छायी रही. इसी दौरान सीमा पर देश ने पड़ोसी देशों के साथ तनाव भी झेला. पाकिस्तान के साथ तो लगातार आतंक की छिपी जंग जारी है,


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वहीं साल के शुरुआती समय में नेपाल ने भारतीय सीमा पर विरोधी सुर दिखाए. जून में चीन के साथ LAC पर तनाव हो गया, जो अभी बरकरार है. अभी हाल ही में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि जो हमें छेड़ेगा हम उसे छोड़ेंगे नहीं. 


केंद्रीय मंत्री का ऐसा कहना देश के दुश्मनों को सीधी चेतावनी थी. ऐसी चेतावनी के पीछे हमारी सेना के शौर्य का बल है, जो लगातार बढ़ता जा रहा है. साल 2020 में इसमें काफी बढ़ोतरी हुई है. भारत ने रक्षा मामलों में कई सौदे किए  और वहीं DRDO ने कई परीक्षण किए, जिनसे तीनों सेनाओं की ताकत बढ़ी. डालते हैं एक नजर सेना में इस साल शामिल हुए रक्षा हथियारों पर-


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फ्रांस से आया राफेल
फ्रांस से भारत के लिए रवाना हुई राफेल (Rafale) लड़ाकू विमान की पहली खेप 29 जुलाई को अंबाला एयरबेस पर पहुंची थी. उसके बाद राफेल की दूसरी खेप 4 नवंबर को फ्रांस से उड़ान भरने के बाद तीन राफेल लड़ाकू विमानों की दूसरी खेप सीधे गुजरात के जामनगर एयरबेस पहुंचे थे.



हाल ही में वायुसेना में शामिल राफेल विमान पूर्वी लद्दाख क्षेत्र में डटे हुए हैं. राफेल फाइटर जेट भारत आ रहे हैं. इन्हें गोल्डन एरो 17 स्कॉड्रन में शामिल किया गया. 


अमेरिका से खरीदे जाएंगे MH-60 Romeo
Indian Navy की ताकत भी इस साल खूब बढ़ी. अमेरिका (America) से खरीदे जाने वाले एमएच-60 रोमियो (MH-60 Romeo) मल्टीरोल हेलिकॉप्टर का सौदा अमेरिकी कंपनी लॉकहीड मार्टिन के साथ इस साल किया गया है. 2.6 अरब डॉलर की कीमत में ऐसे 24 हेलिकॉप्टरों की खरीदा जाएगा.



एमएच-60 रोमियो पानी के भीतर घात लगाकर बैठे पनडुब्बियों को पता लगाने में माहिर है. नेवी को मिलने वाले एमएच-60 रोमियो घातक मिसाइलों और तारपीडो से भी लैस होंगे.


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INS-कवरत्ती नौसेना में हुआ शामिल 
बीते अक्टूबर में पनडुब्बी रोधी प्रणाली से लैस स्वदेशी आईएनएस कवरत्ती को विशाखापत्तनम में नौसेना डॉकयार्ड में भारतीय नौसेना में शामिल किया गया था. INS कवरत्ती 4 स्वदेशी निर्मित एंटी-सबमरीन वारफेयर स्टील्थ कार्वेट में से एक है.



प्रोजेक्ट 17 ए फ्रिगेट आईएनएस हिमगिरि 14 दिसंबर को एक शानदार कार्यक्रम में कोलकाता के जीआरएसई यार्ड में लॉन्च किया गया था.


सिग सॉर असॉल्ट राइफल 
केंद्रीय रक्षा मंत्रालय ने इस साल सितंबर में लगभग 780 करोड़ रुपये की लागत से अमेरिका से 72,000 सिग सोर असॉल्ट राइफल खरीदने के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी. भारतीय सेना की सीमा पर तैनात सैनिकों इससे लैस करने के लिए यह निर्णय लिया गया था. सिग सॉर आधुनिक असॉल्ट राइफल हैं. इसका 16 इंच का बैरल है और कैलिबर 7.22 एमएम है. जबकि इंसास का कैलिबर 5.56 एमएम है.



इसके अलावा भारत ने इस साल कई उपकरणों के परीक्षण किए हैं, जो कि कुछ ही दिनों में सैन्य बेड़े में शामिल हो सकते हैं. इनका परीक्षण सफल रहा है. बस यह सभी हथियार शामिल होने की प्रक्रिया से गुजर रहे हैं. इनमें होवित्जर तोप, बैलिस्टिक मिसाइल, राइफल, कार्बाइन और अन्य कई मिसाइलें हैं.



भारत ने 2021 में इनका परीक्षण तय कर इन्हें सेना में शामिल करने की योजना बना रखी है. सरकार की मंशा है कि रक्षा के क्षेत्र में भारत आत्मनिर्भर बने. 


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