पेद दर्द का इलाज कराने पहुंचा था युवक, ऑपरेशन में निकले कील, पेंचकस और सरिया

उन्नाव में डॉक्‍टरों ने ढाई घंटों तक कठिन ऑपरेशन करके एक युवक के पेट से लोहे की कील, पेचकस, 4 इंच लंबी सरिया समेत लोहे की 36 चीजें निकाल लीं. इन सबका वजन लगभग 300 ग्राम बताया गया है. 

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Oct 4, 2020, 03:02 PM IST
    • निजी अस्पताल के डॉक्टर ने बताया कि करन नाम का युवक पेट में दर्द की शिकायत लेकर आया था.
    • सीटी स्कैन व एक्सरे में लोहे की वस्तु में पेट के अंदर दिखाई पड़ी.
    • ऑपरेशन करने पर छोटे-बड़े लगभग 36 सामान निकले
पेद दर्द का इलाज कराने पहुंचा था युवक, ऑपरेशन में निकले कील, पेंचकस और सरिया

उन्नावः चिकित्सा जगत भी कम आश्चर्य का क्षेत्र नहीं है. कई बार डॉक्टरों को इलाज करते हुए ऐसे मामलों का सामना करना पड़ता है कि उनकी भी रूह कांप जाती है. अब तक आपने पेट से ऑपरेशन करके पिन या कील का निकाला जाना तो सुना होगा, लेकिन उन्नाव में एक ऐसा वाकया सामने आया है, जिसे देखकर डॉक्टरों ने दांतों तले उंगली दबा ली. एक युवक के पेट में सरिया और पेचकस भी था

लोहे की 36 वस्तुएं निकलीं
जानकारी के मुताबिक, उत्तर प्रदेश के उन्‍नाव जिले में यह मामला सामने आया है. यहां डॉक्‍टर ने एक युवक की एक्सरे रिपोर्ट देखी तो सन्न रह गए. पेट दर्द से परेशान एक 18 साल का युवक इलाज के लिए पहुंचा था.

एक्सरे में डॉक्टरों को पेट में लोहे की चीजें दिखाई दे रही थीं, चार डॉक्‍टरों ने ढाई घंटों तक कठिन ऑपरेशन किया और मरीज के पेट से लोहे की कील, पेचकस, 4 इंच लंबी सरिया समेत लोहे की 36 चीजें निकाल लीं. इन सबका वजन लगभग 300 ग्राम बताया गया है. 

पेद दर्द का इलाज कराने आया था युवक
सामने आया है कि सदर कोतवाली क्षेत्र के भतावां गांव निवासी करन (18) पुत्र कमलेश के पेट में लगभग दो महीने से दर्द हो रहा था. करन की मां कमला ने बताया कि उन्‍नाव और कानपुर के कई डॉक्टर को दिखाया लेकिन कोई सफलता नहीं मिली.

बाद में उन्‍होंने शुक्लागंज के प्राइवेट नर्सिंग होम में करन को दिखाया. निजी अस्पताल के डॉक्टर ने बताया कि करन नाम का युवक पेट में दर्द की शिकायत लेकर आया था. सीटी स्कैन व एक्सरे में लोहे की वस्तु में पेट के अंदर दिखाई पड़ी.  ऑपरेशन करने पर छोटे-बड़े लगभग 36 सामान निकले, इसमें पेचकस, सरिया, कील आदि शामिल हैं. 

डॉक्‍टर बोले- कैसे खा सकता है कोई
डॉक्टर ने बताया कि ऑपरेशन काफी लंबा चला. विशेषज्ञ सर्जनों की टीम ने बड़ी सावधानी से धीरे-धीरे यह सब निकाला. लोहे की कुछ वस्तुएं हृदय के बिल्कुल बगल में थी. ऐसे में कुछ भी हो सकता था. लगभग ढाई घंटे चले ऑपरेशन की सफलता के बाद डॉक्टरों ने राहत की सांस ली. 

मां कमला ने बताया कि ऑपरेशन के बाद उनका बेटा ठीक है. लेकिन वह भी नहीं जानतीं कि करन के पेट में यह सब कैसे पहुंचा. डॉक्टरों का भी कहना था कि कील, सुई जैसी छोटी-छोटी चीजें खाई जा सकती हैं लेकिन पेचकस और सरिया को नहीं खाया जा सकता है. 

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