रांची: बिहार के एक किसान ने 12 घंटे में 300 किलोमीटर का सफर तय किया. वह भी अपनी बेटी के साथ.
बिहार से पहुंच गए झारखंड
बिहार के नालंदा जिले में रहने वाले एक किसान ने अपनी बटी को जेईई (JEE) की परीक्षा दिलवाने के लिए नालंदा से रांची तक 300 किलोमीटर का सफर मोटरसाइकिल से तय किया. धनंजय कुमार ने 12 घंटे में 300 किलोमीटर की यात्रा की और ये सुनिश्चित किया कि वो झारखंड के रांची तुपुडाना में अपनी बेटी को मंगलवार को जेईई परीक्षा दिलवाने समय पर पहुंच सके.
कोरोना के कारण बस सेवाएं अनियमित
दरअसल कोविड-19 के चलते बिहार और झारखंड के बीच कोई बस सेवा लगातार नहीं चल रही है. इसे देखते हुए धनंजय कुमार ने सोमवार तड़के नालंदा जिले से अपनी यात्रा शुरू की थी. वो आठ घंटे में बोकारो पहुंच गए और फिर वहां से 135 किलोमीटर की यात्रा कर सोमवार दोपहर रांची पहुंच गए.
धनंजय ने कहा, 'मैंने पाया कि नालंदा से रांची की लंबी दूरी तय करने के लिए मोटरसाइकिल ही केवल विकल्प है. कोरोना वायरस की वजह से बसें नहीं चल रही हैं.' उन्होंने कहा, 'बोकारो से रांची जाने के दौरान, मुझे नींद आने लगी थी. मैं बीच में ही रुक गया और कुछ देर नींद ली, फिर अपनी बेटी के साथ यात्रा पूरी की.' झारखंड के 10 केंद्रों में करीब 22,843 छात्र परीक्षा में शामिल हो रहे हैं.
मध्य प्रदेश में भी दिखा था पिता के प्यार का उदाहण
मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के धार जिले के एक गांव के 38 वर्षीय गरीब एवं अनपढ़ व्यक्ति अपने बेटे को 10वीं बोर्ड की पूरक परीक्षा दिलाने के लिए 105 किलोमीटर दूर परीक्षा केंद्र साइकिल पर बैठाकर ले गए.
शोभाराम नाम के इस व्यक्ति ने अपने बेटे की परीक्षा तिथि से एक दिन पहले सोमवार को करीब तीन-चार दिन के खाने-पीने की सामग्री के साथ सफर शुरू किया और रात में बीच में एक जगह पर कुछ समय के लिए विश्राम किया. सही वक्त पर मंगलवार सुबह धार शहर में स्थित भोज कन्या विद्यालय में बने परीक्षा केंद्र पर अपने बेटे को परीक्षा देने के लिए पहुंचा दिया.
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