नई दिल्लीः बस आज से पांच दिन बाद आसमान में बेहद खूबसूरत नजारा देखने को मिलेगा. मौका होगा शरद पूर्णिमा की मनोरम रात का जब चद्रदेव अपनी संपूर्ण कलाओं के साथ उदित होंगे. इस दिन उनकी किरणों से अमृत बरसने की मनोरम आध्यात्मिक घटना तो होगी ही, साथ ही खगोल प्रेमियों के लिए भी रोचक अवसर होगा. यह मौका होगा ब्लू मून का, जिसका इंतजार दुनिया भर के लोग बेसब्री से करते हैं.
14 प्रतिशत बड़ा नजर आएगा चांद
नैनीताल स्थित आर्यभट्ट प्रेक्षण विज्ञान शोध संस्थान (एरीज) के मुताबिक, अक्टूबर का शुभारंभ फुल मून से हुआ था. एक अक्टूबर का फुल मून यानी पूर्णिमा का चांद अनोखी चमक लिए नजर आया था, इसी के साथ माह का आखिरी दिन भी पूर्णिमा का है.
यानी 31 अक्टूबर को ब्लू मून की खगोलीय घटना होगी. इस बार का ब्लू मून अफ्रीका, यूएसए, यूरोप समेत एशिया के कई देशों में देखा जाएगा. ब्लू मून की रात को चंद्रमा आकार में 14 प्रतिशत बड़ा नजर आएगा. इसकी चमक भी अन्य दिनों की अपेक्षा अधिक रहेगी. चंद्रमा पर शोध करने वाले खगोल विज्ञानियों के लिए यह मौका बेहतर होगा.
इसलिए कहते हैं ब्लू मून
साल में 12 बार फुल मून होते हैं, लेकिन करीब तीन साल में एक संयोग ऐसा भी बनता है जब 13 बार फुल मून होते हैं. ऐसे में जिस माह दो फुल मून होते हैं, उस माह दूसरे फुल मून को ब्लू मून कहा जाता है. अक्टूबर में इस बार दो फुल मून होंगे. इनमें से एक 1 अक्टूबर को हो चुका है.
अब 31 अक्टूबर के फुल मून को ब्लू मून कहा जाएगा. ब्लू मून नाम का प्रचलन 1946 से शुरू हुआ. ब्लू मून का नीले रंग से कोई संबंध नहीं है. इस दिन चांद बेहद चमक लिए होता है.
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