नई दिल्लीः बोइंग का नया ‘स्टारलाइनर’ अंतरिक्षयान छह दिन पहले ही रविवार को धरती पर लौट आया. नासा और अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी क्षेत्र की दिग्गज कंपनी ने इस बात की पुष्टि की है. घड़ी में समस्या आने की वजह से यह अंतरिक्षयान पूर्व नियोजित ढंग से अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष केंद्र पर नहीं उतर सका. मानवरहित स्टारलाइनर अंतरिक्ष यान न्यू मैक्सिको की व्हाइट सैंड्स मिसाइल रेंज में स्थानीय समयानुसार रविवार सुबह 5.47 बजे उतरा. बोइंग के इंजीनियरों ने प्रशांत महासागर के ऊपर उतारने के लिए इसकी प्रोग्रामिंग की थी.
पैराशूट ने उतरने की गति को धीमा किया और रेगिस्तान में इसकी लैंडिंग को आरामदेह बनाने के लिए विशाल एयरबैग लगाया गया था. स्टारलाइनर के इस अंतरिक्षयान को शुक्रवार को फ्लोरिडा के केप कैनवेरल से प्रक्षेपित किया गया था, लेकिन अपने एटलस वी प्रक्षेपण रॉकेट से अलग होने के कुछ ही देर बाद इसके प्रक्षेपक योजना के मुताबिक सक्रिय नहीं हो पाए, जिससे वह अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष केंद्र तक पहुंचने के लिए ऊंची कक्षा तक नहीं जा पाया.
नहीं माना जा रहा असफल अभियान
नासा प्रशासक जिम ब्रिडेनस्टीन ने जोर देकर कहा कि यह मिशन पूरी तरह से असफल नहीं है. उन्होंने कहा, नासा और बोइंग की टीम मिलकर विभिन्न लक्ष्यों पर परीक्षण कर रही जितना हम कर सकते हैं. उन्होंने बताया कि स्टारलाइनर आईएसएस से संचार संपर्क स्थापित करने में कामयाब हुआ और अंतरिक्ष में स्थापित स्थापित होने का परीक्षण किया. इनके अलावा सौर पैनल, बैटरी, प्रक्षेपक और ऊष्मा नियामक प्रणाली का परीक्षण भी किया गया. चिल्टन ने कहा कि यान बेहतरीन अवस्था में है.उन्होंने बताया कि स्टारलाइनर आईएसएस से संचार संपर्क स्थापित करने में कामयाब हुआ और अंतरिक्ष में स्थापित स्थापित होने का परीक्षण किया. इनके अलावा सौर पैनल, बैटरी, प्रक्षेपक और ऊष्मा नियामक प्रणाली का परीक्षण भी किया गया.
बोइंग को एक और झटका
स्टारलाइनर की यह विफलता बोइंग को एक और झटका है, जो अपने 737 मैक्स विमानों के दो घातक हादसों से अब तक नहीं उबर पाया है. ये हादसे अक्टूबर, 2018 में इंडोनेशिया और मार्च, 2019 में इथियोपिया में हुए थे, जिसमें 346 लोगों की मौत हुई थी. अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी कंपनी जनवरी से इन विमानों का निर्माण बंद करने की योजना बना रही है.
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