नई दिल्लीः शरद पूर्णिमा के दिन चांद वैसे भी काफी खूबसूरत होता है. इस बार खास है कि यह दिन ब्लू मून का भी है. जब चद्रदेव अपनी संपूर्ण कलाओं के साथ उदित होंगे, इस दिन उनकी किरणों से अमृत बरसने की मनोरम आध्यात्मिक घटना तो होगी ही, साथ ही खगोल प्रेमियों के लिए भी रोचक अवसर होगा. यह मौका होगा ब्लू मून का, जिसका इंतजार दुनिया भर के लोग बेसब्री से करते हैं. इसके साथ ही हैलोवीन का दिन होने से यह और भी खास होगा.
अब 19 साल बाद दिखेगा नजारा
यह आकाशीय खगोलीय घटना अब 19 साल के बाद 2039 में दिखेगा. सामान्यतया ऐसा संयोग 2-3साल के अंतराल पर बनता था लेकिन इस बार ऐसा नहीं होगा. यह पूर्णिमा 'शरद पूर्णिमा' है जिसकी आध्यात्मिक दृष्टि से भी काफी महत्व है.
इस चांद का दीदार आज यानि 30 अक्टूबर 2020 की शाम 5.45 बजे से 31 अक्टूबर रात्रि 8.18 बजे तक कर सकते हैं.
इसलिए भी खास है पूर्णिमा
कई ग्रह पृथ्वी के करीब से गुजर रहे हैं. जवाहर तारा मंडल के निदेशक डॉ. वाई रवि किरन ने बताया कि चंद्रमा भी बारी बारी से उन ग्रहों के पास से गुजर रहा है. अक्टूबर के पहले सप्ताह में चंद्रमा मंगल के निकट था. 14 अक्टूबर को शुक्र के निकट पहुंच गया. इस तरह एक-एक करके चंद्रमा ग्रहों के पास से गुजरा है.
इसलिए कहते हैं ब्लू मून
साल में 12 बार फुल मून होते हैं, लेकिन करीब तीन साल में एक संयोग ऐसा भी बनता है जब 13 बार फुल मून होते हैं. ऐसे में जिस माह दो फुल मून होते हैं, उस माह दूसरे फुल मून को ब्लू मून कहा जाता है. अक्टूबर में इस बार दो फुल मून होंगे.
इनमें से एक 1 अक्टूबर को हो चुका है. अब 31 अक्टूबर के फुल मून को ब्लू मून कहा जाएगा. ब्लू मून नाम का प्रचलन 1946 से शुरू हुआ. ब्लू मून का नीले रंग से कोई संबंध नहीं है. इस दिन चांद बेहद चमक लिए होता है.
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