नई दिल्ली. लैला-मजनू, शीरी-फरहाद और सोहिनी महिवाल के नामों की तरह भी याद किया जायेगा इस प्रेमी-प्रेमिका के जोड़े को. क्योंकि इनकी मुहब्बत भी अब एक इतिहास बन गई है जो अपने आप में एक नायाब मिसाल है. पहली बात तो किसी प्रेमिका ने इतनी शिद्दत से अपने प्रेमी से चांद नहीं मांगा होगा और उतनी ही शिद्दत से प्रेमी ने भी अपनी प्रेमिका के कदमों में चांद नहीं डाला होगा..ऐसा तो पहली बार हुआ है.
चांद पर खरीद डाली जमीन
अब तक भारत में लोग दिवंगत अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की याद के साथ याद करते थे चांद पर उनकी खरीदी गई जमीन. अब नीरज कुमार गिरी को भी याद किया जायेगा चांद पर जमीन का मालिक बनने के लिये. लेकिन दिल दरिया देखिये नीरज जी का उन्होंने वो जमीन अपनी प्रेयसी के नाम कर दी और कह दिया कि जब तक सूरज चांद रहेगा - हमारी मुहब्बत का नाम रहेगा !
मिल गई लूनर सिटिजनशिप
नीरज कुमार गिरी बिहार में गया के रहने वाले हैं और अपना खुद का कारोबार चलाते हैं. नीरज कुमार गिरी ने सिद्ध कर दिया है कि जितने संजीदा वे अपने व्यापार में हैं उतने ही गंभीर वे प्यार में हैं. उनकी प्रेयसी ने बस एक बार मांग लिया था चांद, नीरज जी ने ने चांद पर एक एकड़ जमीन खरीद डाली. अब उनको औपचारिक तौर पर लूनर सिटिजनशिप भी प्राप्त हो गई है.
देश के चौथे चांद के निवासी
नीरज जी भारत के चौथे ऐसे निवासी हैं जो चांद के भी रहवासी हैं. हालांकि वे फिलहाल पृथ्वीवासी हैं बाद में स्वर्गवासी होने के पहले तक पूरी संभावना है कि चंद्रवासी बन जायें. नीरज जी की इस आसमानी कामयाबी के पीछे भी एक महिला का हाथ है और यही महिला उनकी प्रेमिका भी हैं. अपनी प्रेमिका से प्रेरणा प्राप्त कर उन्होंने चांद पर एक एकड़ जमीन खरीदने का संकल्प किया और सिर्फ डेढ़ साल के भीतर इस संकल्प को सफल भी कर दिखाया. नीरज देश के दूसरे बिहारी भाई हैं जिनका घर है बिहार लेकिन वे खुद हैं चांद पर जमीन्दार!