नई दिल्लीः कोरोना लॉकडाउन के बीच देश ने राष्ट्रीय पंचायतराज दिवस मनाया. प्रधानमंत्री मोदी ने इस मौके पर देशभर की ग्राम पंचायतों से मुखातिब होकर बातचीत की और कोरोना वायरस से लड़ने के लिए पंचायतों को वॉरियर भी बनाया. यह बातचीत भले ही डिजिटल तरीके से हुई, लेकिन सफल रही है और इस दौरान दो योजनाएं भी सामने आईं. इससे पहले प्रधानमंत्री ने कहा कि लॉकडाउन में गरीबों और प्रवासी मजदूरों तक अनाज की आपूर्ति में आपकी अहम भूमिका रही है.
लॉन्च हुईं दो बड़ी योजनाएं
पीएम मोदी ने ई-ग्राम स्वराज पोर्टल (E-Gramswaraj app) और प्रधानमंत्री स्वामित्व योजना (PM Swamitva Scheme) की शुरुआत वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए की. पीएम मोदी ने कहा- गांव के इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने के लिए सरकार ये दो महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट शुरू कर रही है. अब यह दोनों ही प्रोजेक्ट देश के हर ग्रामीण को कैसे लाभ पहुंचाएंगे, सिलसिलेवार इसकी उपयोगिता पर डालते हैं नजर
सबसे पहले ई-ग्राम स्वराज पोर्टल पर बात
ई-ग्राम स्वराज सरकार की बहुप्रतीक्षित योजना है. इसके तहत सभी ग्राम पंचायतों को डिजिटल करने की कोशिश है, जिसके लिए काफी कोशिशें हुई हैं. इस ओर बढ़ा हुआ यह एक सार्थक कदम है. इससे ग्राम पंचायतों में पारदर्शिता बढ़ेंगी और रिकॉर्ड रखना आसान होगा.
ई-ग्राम स्वराज पोर्टल के जरिए ग्राम पंचायतों के फंड, उसके कामकाज की पूरी जानकारी होगी. इससे पार्दशिता भी आएगी और परियोजनाओं के काम में भी तेजी आएगी.
गांव के आखिरी आदमी तक पहुंचेगी हर बात
ई-ग्राम स्वराज ऐप पंचायतों का लेखाजोखा रखने वाला सिंगल डिजिटल प्लेटफॉर्म होगा. इसी से पंचायत में होने वाले विकास कार्यों, खर्च होने वाले फंड और आने वाली योजनाओं की जानकारी मिलेगी. इसका सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि गांव के हर व्यक्ति को पता होगा कि क्या योजना चल रही है, कितना पैसा खर्च हो रहा है. मतलब हर जरूरी बात हर गांव वाले तक पहुंचेगी.
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स्वामित्व योजना भी साबित होगी मील का पत्थर
गांव में अक्सर संपत्ति विवाद, जमीन-खेत को लेकर झगड़े-झंझट सामने आते रहे हैं. पीएम मोदी ने कहा स्वामित्व योजना से ग्रामीणों को एक नहीं कई फायदे होंगे. संपत्ति को लेकर भ्रम और झगड़े खत्म हो जाएंगे. गांव में विकास योजनाओं की प्लानिंग में मदद मिलेगी. शहरों की तरह गांवों में भी लोग बैंकों से लोन ले सकेंगे. स्वामित्व योजना के तहत गांवों में ड्रोन से एक-एक संपत्ति की मैपिंग की जाएगी.
संपत्ति का मालिकाना प्रमाणपत्र दिया जाएगा
विकास कार्यों को प्रगति मिलेगी. अभी उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश समेत 6 राज्यों में इस योजना को ट्रायल के तौर पर शुरू कर रहे हैं. फिर इसे देश के हर गांव में लागू किया जाएगा. मैपिंग के बाद गांव के लोगों को उस संपत्ति का मालिकाना प्रमाणपत्र दिया जाएगा. इससे शहरों की ही तरह गांवों में भी लोन ले सकते हैं. जब ग्रामीणों के पास स्वामित्व होगा तो उस संपत्ति के आधार पर ग्रामीण बैंक से लोन ले सकते हैं.
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