पाकिस्तान कंगाल की हालत और बदतर! 'महंगाई तोड़ेगी पाक आवाम की कमर'

एडीबी यानी एशियन डेवल्पमेंट बैंक की रिपोर्ट में बताया गया है कि दक्षिण एशियाई देशों में पाकिस्तान की जीडीपी ग्रोथ सबसे कम रहने वाली है. वित्त वर्ष 2019-20 में ये 6 साल के सबसे निचले स्तर पर पहुंच जाएगी.

Last Updated : Sep 27, 2019, 03:55 PM IST
    • पाकिस्तान की जीडीपी वित्त वर्ष 2019-20 में ये 6 साल के सबसे निचले स्तर पर पहुंच जाएगी
    • एशियन डेवलेपमेंट बैंक की रिपोर्ट के मुताबिक महंगाई से राहत फिलहाल नहीं, हालात और बदतर होने का अनुमान
पाकिस्तान कंगाल की हालत और बदतर! 'महंगाई तोड़ेगी पाक आवाम की कमर'

नई दिल्ली: जिसके वोट के दम पर इमरान खान पाकिस्तान के प्रधानमंत्री की कुर्सी तक पहुंचे. वही जनता आज अपने हुक्मरान और वज़ीर-ए-आज़म से नाराज है. इसके पीछे की सबसे बड़ी वजह ये है कि पाक की इमरान सरकार ने जनता को राहत पहुंचाने के बजाय उन पर टैक्स का इतना बोझ लाद दिया कि वो हलकान हो गई.

जब मौका घर के हालात सुधारने, अपनी आवाम को अच्छे दिन की सौगात देने का है तब इमरान खान भारत से भिड़ने की बात कर रहे हैं. जनता दाने-दाने को मोहताज हो रही है आटा दाल चावल जैसी चीज़ें लोगों को मयस्सर नहीं और इमरान खान भारत को आंखें दिखा रहे हैं. पाकिस्तान की आवाम उनसे पूछ रही है कि कब राहत मिलेगी

पाकिस्तान की जनता का कहना है, 'दूध दही जो रोज़मर्रा की चीजें हैं जो हमलोग खाते हैं, वो हमलोगों को मयस्सर ही नहीं होंगी. इस कदर महंगाई हो जाएगी. मैं तो इस महंगाई से बहुत परेशान हैं.'

लोगों की परेशानी वाजिब है लेकिन एशियन डेवलेपमेंट बैंक की रिपोर्ट को मानें तो ये राहत अभी मिलने वाली नहीं है बल्कि हालात और बदतर होने वाले हैं.

एडीबी यानी एशियन डेवल्पमेंट बैंक की रिपोर्ट में बताया गया है कि दक्षिण एशियाई देशों में पाकिस्तान की जीडीपी ग्रोथ सबसे कम रहने वाली है. वित्त वर्ष 2019-20 में ये 6 साल के सबसे निचले स्तर पर पहुंच जाएगी. हालत ये है कि पाकिस्तान नेपाल मालदीव भूटान जैसे देशों से भी नीचे चला गया है. 

एडीबी की इस रिपोर्ट में जो अनुमान जताया गया है उसके मुताबिक

  • 2019 में 8.0 फीसदी जीडीपी के साथ बांग्लादेश टॉप पर है. 7.2 फीसदी के साथ भारत दूसरे नंबर पर, 6.5 फीसदी के साथ मालदीव तीसरे, 6.2 फीसदी के साथ नेपाल चौथे, 5.7 फीसदी के साथ भूटान पांचवे और 3.9 फीसदी के साथ पाकिस्तान छठे नंबर पर है. पाकिस्तान के बाद 3.6 फीसदी के साथ श्रीलंका और 2.5 फीसदी के साथ अफगानिस्तान अंतिम स्थान पर है.

महंगाई ने पाकिस्तानी आवाम की कमर तोड़ रखी है और प्रधानमंत्री इमरान खान भारत को युद्ध की धमकी दे रहे हैं. ऐसे में इस देश का क्या होगा अच्छी तरह समझा जा सकता है. एडीबी की रिपोर्ट में बताया गया है कि पाकिस्तान में महंगाई के हालात और खराब होंगे.

महंगाई के मामले में पाकिस्तान अव्वल है. एडीबी की रिपोर्ट के मुताबिक

  • वित्त वर्ष 2019 में पाकिस्तान में महंगाई 7.5 फीसदी रहेगी. इसके बाद बांग्लादेश में 5.5 फीसदी नेपाल में 4.4 फीसदी भारत में 4.3 फीसदी भूटान में 3.8 फीसदी श्रीलंका में 3.5 फीसदी अफगानिस्तान में 3.0 फीसदी जबकि मालदीव में सबसे कम 1 फीसदी महंगाई होगी 

इमरान खान की दलील रही है कि उन्हें विरासत में खाली तिजोरी मिली. हालात इतने खराब हो गए कि इस साल मई में आईएमएफ के पास कटोरा लेकर भागना पड़ा. फिर भी भारत को आंख दिखाने से बाज़ नहीं आ रहे.

पाकिस्तान पीपल्स पार्टी की नेता हिना रब्बानी ने कहा, 'जीडीपी गिरती जा रही है. सभी प्रमुख सेक्टर अच्छा नहीं कर रहे हैं. स्थिति बहुत गंभीर है. मैं बहुत ज़्यादा चिंतित हूं. आईएमएफ शर्तों के साथ मदद करती है. लो ग्रोथ की वजह से आवाम को बहुत दिक्कत होगी.'

इससे पहले वर्ल्ड बैंक ने भी अपनी रिपोर्ट में पाकिस्तान की बदहाल आर्थिक स्थिति का हवाला दिया था.

वर्ल्ड बैंक ने भी बताई पाक की दुर्दशा

  • वर्ल्ड बैंक ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि 2018-19 में पाकिस्तान की विकास दर 3.4% रही जो 2019- 20 में गिरकर 2.7% हो जाएगी. महंगाई दर 2018-19 में 7.1% से बढ़कर 2019-20 में 13.5% हो जाएगी. पाकिस्तान पर कर्ज़ दिसंबर 2018 में जीडीपी का 73.2% था जो जून 2019 में बढ़कर जीडीपी का 83.2% होने की उम्मीद है.

पाकिस्तान बेलआउट पैकेज पर ही जिंदा है. पिछले एक दशक में उसे आईएमएफ वर्ल्ड बैंक जैसी संस्थाओं या अमेरिका, सऊदी अरब, चीन जैसे देशों से करीब चालीस बार बेलआउट पैकेज मिला है. पाकिस्तान की करेंसी लगातार डॉलर के मुकाबले गिरती जा रही है. विदेशी निवेश आ नहीं रहा.. एडीबी की रिपोर्ट में बताया गया है कि कृत्रि क्षेत्र में सुधार के बावजूद पाकिस्तान की आर्थिक ग्रोथ कमज़ोर नीतियों की वजह से गिरी है और फिस्कल डेफिसिट बढ़ता जा रहा है.

ज़ाहिर है पाकिस्तान की मौजूदा खस्ता हालत आने वाले दिनों में सुधरने वाली नहीं है. आतंकवाद को बढ़ावा देने और भारत के साथ टकराव का रास्ता उसकी बर्बादी का सबब बन सकता है.

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