इंजीनियरिंग के छात्र करेंगे 'गीता पाठ'! अन्ना यूनिवर्सिटी में इसे लेकर विवाद

ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्नीकल एजुकेशन (AICTI) के मॉडल सिलेबस के मुताबिक अन्‍ना यूनिवर्सिटी ने जीवन विकास कौशल के माध्यम से व्यक्तित्व विकास समेत छह ऑडिट पाठ्यक्रम शुरू किए हैं.

Last Updated : Sep 27, 2019, 03:08 PM IST
    • यूनिवर्सिटी में भगवत गीता पर विवाद शुरु हुआ तो डीएमके और लेफ्ट ने भी अन्ना यूनिवर्सिटी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया
    • कुछ फैकल्टी मेंबर्स और छात्रों का कहना है कॉलेज में 'भगवद गीता' को अकेले पढ़ाया जाना, हिंदू धर्म को थोपने जैसा है
इंजीनियरिंग के छात्र करेंगे 'गीता पाठ'! अन्ना यूनिवर्सिटी में इसे लेकर विवाद

नई दिल्ली: हिंदुओं का पवित्र ग्रन्थ भगवत गीता, जो जीवन जीने की कला सिखाती है. जो गीता धर्म-अधर्म सिखाती है. जो गीता सफलता का मंत्र सिखाती है. भगवत गीता ही वो है जो क्रोध पर नियंत्रण करना. और मन को शांत रहना सिखाती है.

अब उसी भगवत गीता का पाठ इंजीनियरिंग के छात्र करते नजर आएंगे. जहां साइंस की थ्योरी के लेक्चर होते हैं, वहां अब गीता के श्लोक भी गूंजेगे.

तमिलनाडु की चेन्नई स्थित अन्ना यूनिवर्सिटी इन दिनों चर्चा का केन्द्र बनी हुई है. दरअसल, अन्ना यूनिवर्सिटी में इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहे छात्रों को भगवद गीता का पाठ पढ़ाने जा रही है. अन्ना यूनिवर्सिटी, अपने अंडर ग्रेजुएट इंजीनियरिंग के छात्रों के लिए भगवद गीता को ऑडिट कोर्स यानी कि नॉन-कंपल्सरी कोर्स के रूप में इंट्रोड्यूस करने जा रही है. 

ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्नीकल एजुकेशन (AICTI) के मॉडल सिलेबस के मुताबिक अन्‍ना यूनिवर्सिटी ने जीवन विकास कौशल के माध्यम से व्यक्तित्व विकास समेत छह ऑडिट पाठ्यक्रम शुरू किए हैं. जिसमें पर्सनालिटी डेवलपमेंट के लिए यूनिवर्सिटी ने स्वामी स्वरूपानंद द्वारा लिखी गई श्रीमद भगवद गीता की रचना को चुना है. जिस पर विवाद खड़ा हो गया है.

चेन्नई की अन्ना यूनिवर्सिटी में 'गीता' को लेकर विवाद

कुछ जानकारों का कहना है कि गीता का ज्ञान छात्रों के व्यक्तित्व का विकास और जीवन के लक्ष्य को हासिल करने में मददगार साबित होगा. तो वहीं, दूसरे फैकल्टी मेंबर्स और छात्रों  का कहना है कॉलेज में 'भगवद गीता' को अकेले पढ़ाया जाना, हिंदू धर्म को थोपने जैसा है. ऐसा ना करके यूनिवर्सिटी में सभी दार्शनिक किताबों को पढ़ाया जाना चाहिए.

विवाद बढ़ता देख यूनिवर्सिटी के वीसी ने मामले पर सफाई दी है. वीसी एम के सुरप्पा ने कहा है कि भगवद गीता का कोर्स अनिवार्य नहीं है और यह सिर्फ फिलॉसफी विषय का एक हिस्सा है. यूनिवर्सिटी इस कोर्स को कंपल्सरी कोर्स के तौर पर नहीं पढ़ा रही. छात्र अपनी पसंद का कोर्स चुनने के लिए आजाद हैं.

अन्ना यूनिवर्सिटी के कुलपति एम के सुरप्पा ने कहा, ''विभाग ने कहा कि ये अनिवार्य विषय कर दीजिए, लेकिन मैंने विभाग के अध्यक्ष से बात की और सुझाव दिया कि ये छात्रों की मर्जी से होना चाहिए. ये स्टूडेंट्स की इच्छा पर निर्भर करता है कि वो इसे लेना चाहें या नहीं. उसमें सुधार और संशोधन बहुत जल्द कर दिया जाएगा.

बीजेपी और आरएसएस पर यह आरोप लगता रहा है कि वो शिक्षा का भगवाकरण करके अपना एजेंडा लोगों पर थोपना चाहते हैं. कुछ समय पहले खबर आई थी कि नागपुर स्थित राष्ट्रसंत तुकदोजी महाराज विश्वविद्यालय ने छात्रों को आरएसएस का इतिहास पढ़ाने का फ़ैसला किया है. इसी तरह राजस्थान में भी वसुंधरा सरकार के दौरान वहां के पाठ्यक्रम में सावरकर की जीवनी को शामिल किया गया था.

अब चेन्नई की अन्ना यूनिवर्सिटी में भगवत गीता पर विवाद शुरु हुआ तो डीएमके और लेफ्ट ने भी अन्ना यूनिवर्सिटी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. और यूनिवर्सिटी के फैसले का विरोध जताया है.

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