नई दिल्ली: भारत और चीन के बीच सीमा विवाद पर राहुल गांधी और कांग्रेस बेतुकी बयानबाजी कर रहे हैं. भारत के पराक्रमी जवानों की वीरता को सलाम करने के बजाय कांग्रेस के नेता उन पर सवाल खड़े कर रहे हैं. कांग्रेस और सोनिया गांधी ये नहीं देख रहे हैं कि भारत के सैनिकों ने चीन को बहुत बड़ा नुकसान पहुंचाया है और उसके 43 से भी अधिक लोगों को ढेर कर दिया. राहुल गांधी और सोनिया गांधी पीएम मोदी पर निराधार आरोप लगाकर वोट बैंक की राजनीति कर रहे हैं और सेना के मनोबल को चोट पहुंचा रहे हैं.
नेहरू की भूलों की सजा भुगत रहा देश
.@sambitswaraj ने कहा- विपक्ष की राजनीति से देश में गुस्सा@BJP4India #BJP @RahulGandhi @INCIndia
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आपको बता दें कि 1962 में भारत और चीन के बीच युद्ध हुआ था. उस समय देश के प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू थे. नेहरू के नेतृत्व वाली तत्कालीन केंद्र सरकार ने कूटनीतिक स्तर पर अनेक ऐतिहासिक गलतियां की जिसकी वजह से कई भारतीय सैनिक युद्ध में शहीद हो गए थे और भारत को चीन के सामने हार झेलनी पड़ी थी. राहुल गांधी अपने परनाना की ऐतिहासिक भूलों पर पर्दा डालने के लिए सेना और सरकार पर निशाना साध रहे हैं.
नरेंद्र मोदी भाजपा के नहीं भारत के प्रधानमंत्री- भाजपा
राहुल गांधी की निम्न सियासत का पर्दाफाश करते हुए भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि प्रधानमंत्री हम सब का एक प्रधानमंत्री होता है. नरेंद्र मोदी बीजेपी के प्रधानमंत्री नहीं हैं वो हम सबके प्रधानमंत्री हैं. नरेंद्र मोदी लोकतांत्रिक तरीके से हम सबके प्रतिनिधि हैं. ऐसे में जब डरा हुआ या छिपा हुआ प्रधानमंत्री कहा जाता है, तो ये आक्रमण किसी एक व्यक्ति पर नहीं बल्कि पूरे हिन्दुस्तान पर है. राहुल गांधी ने बेशर्मी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को डरा हुआ प्रधानमंत्री कहा था जिससे देश की जनता भी उनपर बहुत नाराज हुई है.
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अनपढ़ों की तरह राहुल गांधी का बर्ताव- भाजपा
भाजपा प्रवक्ताओं संबित पात्रा ने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और अमेठी से लोकसभा चुनाव में करारी शिकस्त झेल चुके राहुल गांधी को कांग्रेस काल में चीन के साथ हुए समझौतों के बारे में पढ़ने की नसीहत दे दी. संबित पात्रा ने 1996 में हुए चीन के साथ समझौते के बारे में बताते हुए कहा कि अगर आप पढ़े लिखे नहीं है, जानकारी नहीं है. घर में बैठकर लॉकडाउन का इस्तेमाल करते हुए कुछ किताबें पढ़नी चाहिए थी. चीन के साथ कांग्रेस के शासन काल में क्या-क्या समझौते हुए थे, यह आपको पढ़ लेना चाहिए था.
आपको बता दें कि 1996 के समझौते में तय किया गया था कि दोनों और से कोई गोली नहीं चलाई जाएगी और विस्फोटक का इस्तेमाल नहीं होगा और न ही हथियार के साथ सैनिक रहेंगे. भाजपा का कहना है कि इस समय राहुल गांधी को देश को गुमराह करने की राजनीति से बाज आना चाहिए क्योंकि ये समय देश की सेना का साथ देने का है.