कांग्रेस में कलह इतनी बढ़ती जा रही है कि पार्टी दो फाड़ होने की कगार पर पहुंच गई है. राहुल गांधी को उनकी ही पार्टी के नेता अब सीरियसली नहीं लेते हैं. इसपर कपिल सिब्बल और आनंद शर्मा ने इशारों-इशारों में बयां कर दिया.
कांग्रेस की अंदरूनी कलह सामने आई
वायनाड के कांग्रेस (Congress) सांसद राहुल गांधी के विवादित बयान पर एक बार भी कांग्रेस में दो धड़े बंट गए हैं. कांग्रेस का एक ग्रुप राहुल के बयान से इत्तेफाक नहीं रखता. पार्टी के वरिष्ठ नेता राहुल के बयान को डिफेंड करने के बजाय पल्ला झाड़ते हुए नजर आ रहे है.
कपिल सिब्बल और आनंद शर्मा ने इशारों ही इशारों में राहुल गांधी के बयान पर हमला किया और कहा कि हमें मतदाताओं को सम्मान करना चाहिए. वहीं कांग्रेस के सीनियर नेता आनंद शर्मा ने राहुल के बयान से पल्ला झाड़ते हुए कहा कि राहुल गांधी ही मामले पर स्पष्टीकरण देंगे.
सिब्बल चाहते हैं कि कांग्रेस में बदलाव हो
कांग्रेस के दिग्गज नेता कपिल सिब्बल ने साफ-साफ कहा है कि कांग्रेस में बदलाव होना चाहिए. उन्होंने राहुल गांधी को नसीहत भी दी कि मतदाता कहीं के भी हों, उनका सम्मान होना चाहिए. सिब्बल ने बोला कि राहुल ही बता सकते हैं, किस संदर्भ में बयान दिया है.
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राहुल के साथ नहीं हैं कांग्रेस नेता आनंद शर्मा
पार्टी में एक बार फिर गृह युद्ध की स्थिति आई. राहुल गांधी के बयान पर आनंद शर्मा ने इशारों में बताया कि वो राहुल गांधी के बयान के साथ नहीं हैं.
आनंद शर्मा ने भी कुछ ऐसा ही रुख अपनाया और उन्होंने कहा कि 'राहुल गांधी जी क्या कहा केवल वही स्पष्टीकरण दे सकते हैं किस परिप्रेक्ष्य में उन्होंने यह टिप्पणी की है जहां तक कांग्रेस का पक्ष है हमने पूरे देश को एक समझा है कभी क्षेत्र भाषा और धर्म के आधार पर लकीरे नहीं खींची.'
..तो कांग्रेस नहीं करेगी राहुल गांधी का बचाव?
कांग्रेस में आज गृहयुद्ध की स्थिति क्यों है? क्यों अचानक कपिल सिब्बल कांग्रेस में बदलाव की मांग कर रहे हैं? क्यों अचानक आनंद शर्मा को ये कहना पड़ा कि कांग्रेस देश को एक समझती है? इन सारे सवालों के जवाब आपको कांग्रेस को पूर्व अध्यक्ष और वायनाड से सांसद राहुल गांधी के एक बयान से मिल जाएगा.
राहुल ने कहा था कि 'पहले 15 साल तक मैं उत्तर भारत से सांसद था, मुझे एक अलग तरह की राजनीति की आदत हो गई थी. मेरे लिए केरल आना नया था, लेकिन मुझे अचानक लगा कि यहां के लोग मुद्दों में ना केवल दिलचस्पी रखते हैं, बल्कि उसे विस्तार से समझने की कोशिश करते हैं.'
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राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने तिरुवनंतपुरम में ये बयान दिया था और कांग्रेस में इसी बयान को लेकर गृहयुद्ध छिड़ गया. आरोप है कि राहुल ने इस बयान में भारत के उत्तर और दक्षिण के मतदाताओं की तुलना की. उन्होंने उत्तर भारत के मुकाबले दक्षिण के मतदाताओं को ज्यादा समझदार बताया और गांधी परिवार को लगातार सांसद बनाने वाले अमेठी की उपेक्षा की. राहुल पर उत्तर-दक्षिण के बंटवारे के आरोप में कितना दम है.
क्या सचमुच अमेठी का एहसान भूल गया गांधी परिवार?
राहुल के इसी बयान के बाद खुद को पूरे देश की पार्टी कहने वाली कांग्रेस के लिए जवाब देना भारी हो गया. आरोप लगने लगे कि राहुल गांधी और गांधी परिवार अमेठी के एहसान भूल गया.
राहुल गांधी के इस बयान पर आरोप लगने लगे कि ये कांग्रेस की वही मानसिकता है, जिसकी वजह से पहले 1947 में देश का बंटवारा हुआ और अब उत्तर और दक्षिण के नाम पर भारत की विचारधारा का बंटवारा हो रहा है.
राहुल के एक बयान ने 136 साल पुरानी पार्टी में घमासान मचा दिया है. गुलाम नबी आजाद, आनंद शर्मा हो या कपिल सिब्बल कोई भी राहुल के बंटवारे वाले बयान का बचाव नहीं कर रहा. सबका कहना है- राहुल की बात राहुल ही जानें.
कांग्रेस के नाराज गुट का एक्शन
अगस्त 2020 में 23 सीनियर नेताओं ने सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखी थी. और पार्टी में व्यापक बदलाव की मांग सामन रखी थी.
दिसंबर 2020 में सोनिया गांधी से पार्टी नेताओं के एक ग्रुप ने मुलाकात की थी और कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव की मांग रखी थी.
क्या चाहता है कांग्रेस का 'नाराज गुट'?
- मई-जून में कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव हो
- पार्टी के अंदर बदलाव की वकालत
- गिरती छवि की जिम्मेदारी शीर्ष नेतृत्व ले
- चुनाव में लगातार हार को लेकर चिंता
- पार्टी के अंदर दरबारी कल्चर बंद हो
कांग्रेस के 23 असंतुष्ट नेताओं का ग्रुप, जिसने पार्टी के अंदर लोकतंत्र का मुद्दा उठाया था. इन नेताओं ने सोनिया को अध्यक्ष के चुनाव पर चिट्ठी लिखी थी. सीनियर नेता पार्टी लाइन से असंतुष्ट अबतक हैं और नेतृत्व पर सहमति नहीं बनने से नाराजगी है. ये एक बार फिर सामने आ रहा है.
कांग्रेस में कब-कब 'फूट'
अगस्त 2019 में अनुच्छेद 370 के मुद्दे पर हरियाणा के पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने मोदी सरकार का समर्थन किया था.
सितंबर 2019 में अनुच्छेद 370 के मुद्दे पर कांग्रेस सांसद शशि थरुर ने जम्मू-कश्मीर से 370 हटाने का समर्थन किया था.
नवंबर 2020 में कोरोना वायरस के मुद्दे पर कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने पीएम के वैक्सीन केंद्रों के दौरे की तारीफ की थी.
दिसंबर 2020 में कोरोना वायरस के मुद्दे पर कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने कोरोना से निपटने के लिए केंद्र की सराहना की थी.
जनवरी 2020 में CAA के मुद्दे पर कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने नागरिकता कानून का विरोध से इनकार किया था.
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कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद के घर पर कांग्रेस के असंतुष्ट नेताओं की बैठक हुई जो पिछले साल सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखकर पार्टी में व्यापक बदलाव की मांग की थी. तो क्या अब कांग्रेस में राहुल बनाम सभी (Rahul Vs ALL) हो गया है.
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राहुल गांधी अपने एक बयान से पूरी कांग्रेस को फंसा चुके हैं. कांग्रेस बैकफुट पर है, कांग्रेस में असंतोष है, कांग्रेस में नेतृत्व बदलने की मांग हो रही है और राहुल हैं कि उन्हें अब भी परवाह नहीं कि वो सामने आएं और बताएं कि उनके बयान का मतलब क्या है?
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