नई दिल्ली: कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने पार्टी हित से ऊपर उठते हुए मोदी सरकार के उस फैसले का समर्थन किया है. जिसमें सरकार ने ब्रिटिश सांसद डेबी अब्राहम्स को दिल्ली एयरपोर्ट वापस भेज दिया था. अभिषेक मनु सिंघवी का कहना है कि संप्रभुता पर हमले की कोशिश नाकाम करना जरूरी है. हालांकि उन्हीं के पार्टी के नेता शशि थरूर इस कदम को असहिष्णुता बता चुके हैं.
ब्रिटिश सांसद पर कांग्रेस में दो फाड़
ब्रिटिश सांसद डेबी अब्राहम को भारत में एंट्री से रोके जाने पर कांग्रेस के भीतर ही अलग-अलग राय बन गई है. मोदी सरकार के हर फैसले पर सवाल उठाने वाली कांग्रेस के 2 नेताओं के सुर एक-दूसरे से इतने जुदा है कि समझ में नहीं आ रहा कि कांग्रेस पार्टी का वास्तविक स्टैंड क्या है. कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने मोदी सरकार के फैसले का समर्थन करते हुए आज एक ट्वीट किया.
इस ट्वीट में उन्होंने लिखा कि "भारत की ओर से डेबी अब्राहम्स को वापस भेजना जरूरी था. वो सिर्फ एक ब्रिटिश सांसद नहीं थीं, बल्कि वो उस पाकिस्तान की हिमायती थीं जो वहां की सरकार, ISI के लिए काम करने के लिए जानी जाती हैं. भारत की संप्रभुता पर हमला करने की कोशिश को नाकाम करना जरूरी है.
The deportation of Debbie Abrahams by India was indeed necessary, as she is not just an MP, but a Pak proxy known for her clasp with e Pak govt and ISI. Every attempt that tries to attack India's sovereignty must be thwarted.#Kashmir#DebbieAbrahams
— Abhishek Singhvi (@DrAMSinghvi) February 18, 2020
अभिषेक मनु सिंघवी का ये बयान, पार्टी के सांसद शशि थरूर से बिल्कुल उलट है. शशि थरूर ने कल डेबी अब्राहम्स को वापस भेजे जाने पर सवाल उठाया है. थरूर के मुताबिक ऐसे लोगों को भारत में प्रवेश न देने से भारत को एक संकीर्ण दिमाग और असहिष्णु वाला देश समझा जाएगा जोकि सही नहीं है.
If things are fine in #Kashmir, shouldn't the Govt encourage critics to witness the situation themselves to put their fears to rest? Instead of conducting tours for pliant MEPs &polite Ambassadors alone, surely the head of a ParliamentaryGroup on the subject is worth cultivating? https://t.co/vMtcAXCDb9
— Shashi Tharoor (@ShashiTharoor) February 17, 2020
जम्मू-कश्मीर से 370 हटाने के फैसले पर सवाल उठाने वाली ब्रिटिश सांसद डेबी अब्राहम्स को दिल्ली हवाई अड्डे पर उतरने के बाद भारत में प्रवेश नहीं करने दिया गया था. गृह मंत्रालय के मुताबिक उन्हें पहले ही ई-वीजा रद्द होने की सूचना भी दे दी गई थी. लेबर पार्टी की सांसद डेबी अब्राहम ने न सिर्फ भारत सरकार के फैसले पर आपत्ति जताई थी. बल्कि उन्होंने ब्रिटेन के तत्कालीन विदेश मंत्री डोमनिक राब को चिट्ठी लिखकर चिंता जाहिर की थी. वहीं भारत का रुख एकदम साफ है कि जम्मू-कश्मीर से 370 हटाना, आंतरिक मामला है.
इसे भी पढ़ें: यह नया भारत है, जो निर्णय लेता है और उन पर टिके रहना जानता है
यह भी देखें -