कांग्रेस नेतृत्व विवाद:राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा बोले,'हम बदलाव के वाहक,डरपोक नहीं'

कांग्रेस में गांधी परिवार के खिलाफ सुर बन्द नहीं हुए हैं. घूम फिरकर भले ही कांग्रेस वहीं लौट आयी हो जहां से वो शुरू हुई थी और सोनिया गांधी को अध्यक्ष स्वीकार लिया हो लेकिन कई नेता बदलाव और बगावत के स्वर बन्दनहीं कर रहे हैं.  

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Aug 25, 2020, 10:44 AM IST
    • इतिहास बहादुर को याद करता है- विवेक तन्खा
    • कांग्रेस में आंतरिक घमासान जारी
    • सोनिया गांधी को फिर से बनाया गया अध्यक्ष
कांग्रेस नेतृत्व विवाद:राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा बोले,'हम बदलाव के वाहक,डरपोक नहीं'

नई दिल्ली: कांग्रेस कार्य समिति की बैठक में फिर से सोनिया गांधी को अंतरिम अध्यक्ष बना दिया गया है. इसके समर्थन में कई नेता हैं तो इसके विरोध में भी कई नेता हैं. सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखने वाले नेताओं में से एक विवेक तन्खा ने पार्टी के दूसरे धड़े पर सवाल उठाए हैं. कुछ लोग गांधी परिवार की चाटुकारिता में लगे हैं तो कुछ नेता अब भी बदलाव की मांग कर रहे हैं. इनमें विवेक तन्खा भी शामिल हैं. राज्यसभा सदस्य विवेक तन्खा ने कहा कि हम बागी नहीं, बदलाव के वाहक हैं क्योंकि इतिहास बहादुर को याद रखता है, डरपोक को नहीं.

इतिहास बहादुर को याद करता है- विवेक तन्खा

राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा ने कहा कि हमें बागी कहना गलत है क्योंकि हम बदलाव की मांग कर रहे हैं ताकि कांग्रेस  को नया अध्यक्ष मिल सके और कांग्रेस मजबूत हो सके. उन्होंने कहा कि इतिहास हमेशा बहादुर को याद करता है डरपोक को नहीं. तन्खा का तंज उन नेताओं पर है जो आज भी गांधी परिवार की चाटुकारिता कर रहे हैं.

कांग्रेस में आंतरिक घमासान जारी

गौरतलब है कि राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद, आनंद शर्मा, कपिल सिब्बल, भूपेंद्र सिंह हुड्डा, मुकुल वासनिक, विवेक तन्खा समेत 23 नेताओं ने अगस्त के पहले हफ्ते में सोनिया गांधी को पत्र लिखा था. इसके बाद कांग्रेस में आतंरिक कलह तेज हो गयी. राहुल गांधी ने यहां तक कह दिया था कि चिट्ठी लिखने वाले लोग भाजपा के इशारे पर ये सब कर रहे हैं. इसके बाद कपिल सिब्बल बहुत नाराज हो गए थे और गुलाम नबी आजाद ने पार्टी से इस्तीफा देने की धमकी दी थी.

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सोनिया गांधी को फिर से बनाया गया अध्यक्ष

 कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने पत्र में सोनिया से पूर्णकालिक और जमीनी स्तर पर सक्रिय अध्यक्ष बनाने और संगठन में ऊपर से लेकर नीचे तक बदलाव की मांग की थी. इसी चिट्ठी को लेकर सीडब्ल्यूसी की बैठक कल बुलाई गई. इस दौरान कांग्रेस नेतृत्व बदलाव पर कोई फैसला नहीं हो सका.

बता दें कि सोनिया गांधी के अध्यक्ष पद पर कुछ और महीनों तक रहने पर सहमति बनी. कांग्रेस के नए अध्यक्ष का चुनाव आने वाले छह महीनों के भीतर किया जाएगा.

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