नई दिल्ली: कांग्रेस कार्य समिति की बैठक में फिर से सोनिया गांधी को अंतरिम अध्यक्ष बना दिया गया है. इसके समर्थन में कई नेता हैं तो इसके विरोध में भी कई नेता हैं. सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखने वाले नेताओं में से एक विवेक तन्खा ने पार्टी के दूसरे धड़े पर सवाल उठाए हैं. कुछ लोग गांधी परिवार की चाटुकारिता में लगे हैं तो कुछ नेता अब भी बदलाव की मांग कर रहे हैं. इनमें विवेक तन्खा भी शामिल हैं. राज्यसभा सदस्य विवेक तन्खा ने कहा कि हम बागी नहीं, बदलाव के वाहक हैं क्योंकि इतिहास बहादुर को याद रखता है, डरपोक को नहीं.
इतिहास बहादुर को याद करता है- विवेक तन्खा
राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा ने कहा कि हमें बागी कहना गलत है क्योंकि हम बदलाव की मांग कर रहे हैं ताकि कांग्रेस को नया अध्यक्ष मिल सके और कांग्रेस मजबूत हो सके. उन्होंने कहा कि इतिहास हमेशा बहादुर को याद करता है डरपोक को नहीं. तन्खा का तंज उन नेताओं पर है जो आज भी गांधी परिवार की चाटुकारिता कर रहे हैं.
Friends we are not dissenters but proponents of revival :: the letter was not a challenge to leadership but a parchment of action to strengthen the party :: universally truth is best defence whether it be Court or Public Affairs :: history acknowledges the brave & not the timid.
— Vivek Tankha (@VTankha) August 25, 2020
कांग्रेस में आंतरिक घमासान जारी
गौरतलब है कि राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद, आनंद शर्मा, कपिल सिब्बल, भूपेंद्र सिंह हुड्डा, मुकुल वासनिक, विवेक तन्खा समेत 23 नेताओं ने अगस्त के पहले हफ्ते में सोनिया गांधी को पत्र लिखा था. इसके बाद कांग्रेस में आतंरिक कलह तेज हो गयी. राहुल गांधी ने यहां तक कह दिया था कि चिट्ठी लिखने वाले लोग भाजपा के इशारे पर ये सब कर रहे हैं. इसके बाद कपिल सिब्बल बहुत नाराज हो गए थे और गुलाम नबी आजाद ने पार्टी से इस्तीफा देने की धमकी दी थी.
क्लिक करें- अनियमितताओं में संलिप्त IPS अधिकारियों पर सीएम योगी की कार्रवाई, दो DIG सस्पेंड
सोनिया गांधी को फिर से बनाया गया अध्यक्ष
कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने पत्र में सोनिया से पूर्णकालिक और जमीनी स्तर पर सक्रिय अध्यक्ष बनाने और संगठन में ऊपर से लेकर नीचे तक बदलाव की मांग की थी. इसी चिट्ठी को लेकर सीडब्ल्यूसी की बैठक कल बुलाई गई. इस दौरान कांग्रेस नेतृत्व बदलाव पर कोई फैसला नहीं हो सका.
बता दें कि सोनिया गांधी के अध्यक्ष पद पर कुछ और महीनों तक रहने पर सहमति बनी. कांग्रेस के नए अध्यक्ष का चुनाव आने वाले छह महीनों के भीतर किया जाएगा.