अयोध्या. लंबे समय तक चले राम जन्मभूमि विवाद में बाबरी मस्जिद के पक्षकार रहे इकबाल अंसारी राम मंदिर निर्माण से बेहद खुश हैं. इतना ही नहीं जिले में मस्जिद के आवंटित भूमि को लेकर उनके विचार बिल्कुल अलग है. धुन्नीपुर में प्रस्तावित मस्जिद को लेकर अंसारी का कहना है कि उस जमीन पर खेती करने और उपजे अनाज को हिंदू-मुसलमानों में बराबर बांट कर खाया जाए.
मस्जिद का काम शुरू होने पर क्या बोले?
धुन्नीपुर की प्रस्तावित मस्जिद का काम कब शुरू होगा, इस सवाल पर उन्होंने कहा कि आज नहीं बहुत दिन से कह रहा हूं कि कोई मुसलमान यह नहीं पूछ रहा है कि वहां मस्जिद बनी कि नहीं बनी? इतना ही कहूंगा कि अब वहां मस्जिद की जरूरत भी नहीं है. मुसलमानों से एक अपील भी है. जो जमीन मिली है उसमें खेती करें. जो अनाज पैदा हो उसे हिंदू मुसलमानों में बांटें. मै उसमें कुछ भी नहीं हूं। इस विवाद में मैं पड़ना भी नहीं चाहता.
अयोध्या का विकास हो रहा है
आम मुसलमानों की सोच और समस्याओं मे सवाल पर उन्होंने कहा कि अयोध्या का श्रीराम मंदिर बनने से यहां का विकास भी हो रहा है. सड़कें-रोडवेज बन रहा है. अब रेलवे स्टेशन है, एयरपोर्ट भी. इससे रोजगार बढ़ेगा.
काशी और मथुरा विवाद पर क्या बोले?
काशी और मथुरा के मसले पर अंसारी ने कहा कि जहां का मसला है, वहां के लोग निपटाएंगे. हम तो अयोध्या के हैं. देश के मुसलमानों ने सम्मान किया. अयोध्या का जो समाज है, हिंदू मुसलमानों का समाज. एक दूसरे लोगों का लगाव है. हर धार्मिक कार्यक्रम में लोग हमेशा आते जाते रहते हैं. बता दें कि इकबाल अंसारी से पहले उनके पिता हाशिम अंसारी ने कोर्ट में बाबरी मस्जिद का केस लड़ा था. हाशिम अंसारी बाबरी मस्जिद-जन्मभूमि केस के सबसे उम्रदराज वादी थे. फैसला आने से पहले हाशिम अंसारी का इंतकाल हो गया था. इसके बाद इकबाल अंसारी मुख्य पक्षकार बने थे.
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