Daily Panchang 21 फरवरी 2021: गुप्त नवरात्रि की महानवमी आज

आज मां दुर्गा के उपासकों के लिए खास दिन है. आज गुप्त नवरात्रि का व्रत समाप्त हो रहा है. 21 फरवरी को महानवमी है. गुप्त नवरात्रि में मां आदिशक्ति की दस महाविद्याओं की साधना की गई है. आज उन्हीं व्रतों की पूर्णाहुति का दिन है. गुप्त नवरात्रि का समय सिद्धियां प्राप्त करने का समय माना जाता है

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Feb 21, 2021, 07:24 AM IST
  • आज 12:14 से 12:55 तक शुभ मुहूर्त, करें शुभ कार्य
  • शाम 04 बजकर 47 मिनट से शाम 06.11 तक राहुकाल
Daily Panchang 21 फरवरी 2021: गुप्त नवरात्रि की महानवमी आज

नई दिल्लीः आज माघ मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि है. आज 21 फरवरी 2021 और दिन रविवार है. तिथि के अनुसार आज गुप्त नवरात्र की महानवमी है. आज मृगशीर्ष नक्षत्र है और आज का योग विष्कुंभ योग और प्रीति योग भी है. आज के शुभ मुहूर्त और राहुकाल के बारे में बता रहे हैं. आचार्य विक्रमादित्य-

मास- माघ मास
दिन- रविवार
तिथि- शुक्ल पक्ष, नवमी तिथि
आज का व्रत- आज महानवमी है.
आज बुध मार्गी, शुक्र का कुम्भ में आगमन. मंगल वृष राशि में जाएंगे.
आज का नक्षत्र- मृगशीर्ष नक्षत्र
आज का योग- विष्कुंभ योग और प्रीति योग

आज का शुभ मुहूर्त- आज 12:14 से 12:55 तक शुभ मुहूर्त. इस समय में कोई भी काम करना शुभ फलदायक होता है.
आज का राहुकाल- आज आज शाम 04 बजकर 47 मिनट से शाम 06.11 तक राहुकाल रहेगा. इस दौरान आपको कोई भी शुभ कार्य करने से बचना चाहिए.

आज है महानवमी
आज मां दुर्गा के उपासकों के लिए खास दिन है. आज गुप्त नवरात्रि का व्रत समाप्त हो रहा है. 21 फरवरी को महानवमी है. गुप्त नवरात्रि में मां आदिशक्ति की दस महाविद्याओं की साधना की गई है. आज उन्हीं व्रतों की पूर्णाहुति का दिन है. गुप्त नवरात्रि का समय सिद्धियां प्राप्त करने का समय माना जाता है. 21 फरवरी 2021 दिन रविवार को गुप्त नवरात्रि की नवमी तिथि है जिसे महानवमी भी कहा जाता है.

यदि आप किसी भी तरह की आर्थिक स्थिति कमोजर है। कर्ज से परेशान हैं या फिर बार-बार प्रयास करने पर भी उन्नति नहीं हो रही है तो इस दिन कुछ उपाय करके आप इन समस्याओं के मुक्ति पाने के साथ अपने भाग्य को चमका सकते हैं.

मृगशीर्ष नक्षत्र
मृगशीर्ष का अर्थ है मृग का शीष. इसे मृगशिरा नक्षत्र भी कहते हैं. आकाश मंडल में मृगशिरा नक्षत्र 5वां नक्षत्र है. यह सबसे महत्वपूर्ण नक्षत्र माना जाता है. आकाश में यह हिरण के सिर के आकार का नजर आता है. मृगशिरा नक्षत्र का अधिपति ग्रह मंगल को माना जाता है. मृगशिरा नक्षत्र के पहले दो चरण वृषभ राशि में स्थित होते हैं और शेष 2 चरण मिथुन राशि में स्थित होते हैं, जिसके कारण इस नक्षत्र पर वृषभ राशि तथा इसके स्वामी ग्रह शुक्र और मिथुन राशि तथा इसके स्वामी ग्रह बुध का प्रभाव भी रहता है. इस तरह इस नक्षत्र में जन्मे जातक पर मंगल, बुध और शुक्र का प्रभाव जीवनभर बना रहता है.

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