Navratri Special: शनिवार से शुरू हो रहे शारदीय नवरात्र, घोड़ा बनेगा माता की सवारी

17 अक्टूबर को घट स्थापना के साथ मां अम्बे की आराधना शुरू हो जाएगी.  देवी का वाहन सिंह है, लेकिन यह तभी उनका वाहन है जब वे युद्ध रत होती हैं. भक्तों के पास आने के लिए मां भगवती अलग-अलग वाहनों का चुनाव करती हैं. इस बार माता अश्व रूढ़ा हैं.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Oct 15, 2020, 10:20 PM IST
    • देवी भागवत के अनुसार बताया गया है कि हर साल नवरात्र पर देवी अलग-अलग वाहनों पर सवार होकर धरती पर आती हैं.
    • शनिवार या मंगलवार को नवरात्रि की शुरुआत होने पर देवी का वाहन घोड़ा माना जाता है.
    • मां घोड़े पर आती हैं तो युद्ध की आशंका बढ़ जाती है. डोली में आती हैं तो होता है महामारी का डर
Navratri Special: शनिवार से शुरू हो रहे शारदीय नवरात्र, घोड़ा बनेगा माता की सवारी

नई दिल्लीः अब से ठीक दूसरे दिन शारदीय नवरात्र का आरंभ हो रहा है. इस साल कष्ट में फंसे अपने भक्तों पर वात्सल्य की बारिश करने मां आ रही हैं. मां उन्हें दुलारेंगीं-पुचकारेंगी और Corona महामारी से लड़ने का संबल भी देंगी.

शारदीय नवरात्र का आरंभ 17 अक्टूबर शनिवार से हो रहा है. माता के आने का दिन भी निश्चित है और इसी आधार पर उनका वाहन भी तय है. इस बार माता घोड़े पर सवार होकर आ रही हैं. 

इस बार का वाहन अश्व
भारतीय मनीषा कई भूत-भविष्य का आंकलन सबसे सटीक करती है. देवी मां के आगमन के दिन के अनुसार उनका वाहन तय होता है और यही वाहन यह बताता है कि आगामी वर्ष किस तरह का फल प्रदान करेगा.

17 अक्टूबर को घट स्थापना के साथ मां अम्बे की आराधना शुरू हो जाएगी.  देवी का वाहन सिंह है, लेकिन यह तभी उनका वाहन है जब वे युद्ध रत होती हैं. भक्तों के पास आने के लिए मां भगवती अलग-अलग वाहनों का चुनाव करती हैं. 

देवी भागवत में है वर्णन
देवी भागवत के अनुसार बताया गया है कि हर साल नवरात्र पर देवी अलग-अलग वाहनों पर सवार होकर धरती पर आती हैं. देवी के अलग-अलग वाहनों पर सवार होकर आने से देश और जनता पर इसका असर भी अलग-अलग होता है. इन तथ्यों को देवी भागवत के इस श्लोक में वर्णन किया गया है.   
शशिसूर्ये गजारूढ़ा शनिभौमे तुरंगमे।
गुरौ शुक्रे चदोलायां बुधे नौका प्रकी‌र्त्तिता ।।

इसका तात्पर्य है कि सोमवार या रविवार को घट स्थापना होने पर मां दुर्गा हाथी पर सवार होकर आती हैं. शनिवार या मंगलवार को नवरात्रि की शुरुआत होने पर देवी का वाहन घोड़ा माना जाता है. गुरुवार या शुक्रवार को नवरात्र शुरू होने पर देवी डोली में बैठकर आती हैं. बुधवार से नवरात्र शुरू होने पर मां दुर्गा नाव पर सवार होकर आती हैं.

वाहनों का यह होता है शुभ-अशुभ असर
माता दुर्गा जिस वाहन से पृथ्वी पर आती हैं, उसके अनुसार सालभर होने वाली घटनाओं का भी अनुमान किया जाता है. इनमें कुछ वाहन शुभ फल देने वाले और कुछ अशुभ फल देने वाले होते हैं. देवी जब हाथी पर सवार होकर आती है तो पानी ज्यादा बरसता है.

घोड़े पर आती हैं तो युद्ध की आशंका बढ़ जाती है. देवी नौका पर आती हैं तो सभी की मनोकामनाएं पूरी होती हैं और डोली पर आती हैं तो महामारी का भय बना रहता हैं. इसका भी वर्णन देवी भागवत में किया गया है. 
गजे च जलदा देवी क्षत्र भंग स्तुरंगमे।
नौकायां सर्वसिद्धि स्या ढोलायां मरणंधुवम्।।

अश्वरूढ़ा हैं मां, क्या बनेंगी युद्ध की स्थिति
इस बार शारदीय नवरात्र पर मां दुर्गा अश्व पर आरूढ़ होकर आ रही हैं. घोड़े पर उनके आने से युद्ध की आशंकाएं बनती हैं. हालांकि वर्तमान परिदृश्य में यह स्थिति बनी ही हुई है. उधर विश्व में आर्मेनिया और अजरबैजान युद्ध में रत हैं तो भारत के साथ चीन और पाकिस्तान का सीमा विवाद जारी ही है. ऐसे में इसका क्या शुभ-अशुभ फल होगा यह समय ही बताएगा. 

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