घर में कहां रखें भगवान गणेश की प्रतिमा?

भगवान गणपति का एक नाम मंगलमुखी भी है. ऐसा इसलिए क्योंकि उनका मुख देखने से सब शुभ ही शुभ होता है. इसी भ्रम में लोग कई बार भूल करते हैं और घर के बिल्कुल बाहर दरवाजे के ऊपर गणेशप्रतिमा या चित्र लगा देते हैं. ऐसा नहीं करना चाहिए.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Feb 5, 2021, 11:59 AM IST
  • घर में इस जगह रखें भगवान गणेश की प्रतिमा
  • प्रतिमा की स्थापना करते हुए दिशा का भी ध्यान रखें
घर में कहां रखें भगवान गणेश की प्रतिमा?

नई दिल्लीः शुभता के प्रतीक, बुद्धिदाता, सभी देवताओ में श्रेष्ठ और दिशाओं के स्वामी लोकपाल श्रीगणेश को विघ्नहर्ता भी कहा जाता है. सुबह-सुबह उठते ही उनके दर्शन करना, किसी कार्य के लिए निकलने से पहले उनका आशीर्वाद लेना और मांगलिक कार्यों में पहले उन्हें आमंत्रित करके स्थापित करने से सभी बाधाएं दूर होती हैं, कार्य संपन्न होता है और शुभ फल प्राप्त होते हैं. गौरी नंदन गणेश सबसे बड़े सहायक माने जाते हैं, इसलिए सनातन परंपरा को मानने वाले हिंदू परिवारों में गणेश प्रतिमा जरूर स्थापित होती है.

ये भी पढ़ें- सपने में देखा है सूखा पेड़ तो जानिए क्या होने वाला है?

गणेश प्रतिमा स्थापना में बरतें सावधानी
कई बार ऐसा भी होता है कि हम गणेश प्रतिमा (Ganesh Pratima) को स्थापित तो कर लेते हैं, लेकिन जानकारी न होने से या सही स्थान का पता नहीं होने से देव प्रतिमा की स्थापना में कुछ भूल कर बैठते हैं. सबसे बड़ी भूल उनके रखने की दिशा को लेकर होती है. कई बार अनजाने में गलत जगह या वास्तु के अनुसार गलत दिशा में गणेश जी की मूर्ति स्थापित हो जाती है. इसके कारण शुभ फल प्राप्त नहीं होते हैं. गणेश प्रतिमा के स्थापना को लेकर दिशा का ध्यान सावधानी से रखना चाहिए.

ये भी पढ़ें- बसंत पंचमी के दिन पीले कपड़े क्यों पहनते हैं?

द्वार के ठीक ऊपर न लगाएं प्रतिमा


भगवान गणपति (Bhagwan Ganesh) का एक नाम मंगलमुखी भी है. ऐसा इसलिए क्योंकि उनका मुख देखने से सब शुभ ही शुभ होता है. इसी भ्रम में लोग कई बार भूल करते हैं और घर के बिल्कुल बाहर दरवाजे के ऊपर गणेशप्रतिमा या चित्र लगा देते हैं. ऐसा नहीं करना चाहिए. गणेश जी के मुख की तरफ समृद्धि, सिद्धि, सुख और सौभाग्य होता है. उनके पीठ के पीछे दुख और दरिद्रता का वास माना गया है. इसलिए दरवाजे के ठीक ऊपर श्रीगणेश की प्रतिमा नहीं लगानी चाहिए.

ये भी पढ़ें- अगर आज देखा है यह सपना तो दूर होने वाली है सारी चिंताएं

द्वार की ओर न हो प्रतिमा का मुख
गणपति प्रतिमा की स्थापना करते हुए ये ध्यान रखें कि प्रतिमा का मुख दरवाजे की तरफ नहीं होना चाहिए. वहीं पीछे दीवार होनी ही चाहिए. घर में गणेश जी की बांयी ओर सूंड़ वाली प्रतिमा रखनी चाहिए. यह मंगलकारी होती है. इनकी पूजा से जल्दी फल की प्राप्ति होती है. दांयीं ओर सूंड़ वाले गणपति के पूजा-विधान अलग होते हैं. यह गृहस्थ विधान में नहीं आते हैं. उन्हें हठी भी माना गया है.

ये भी पढ़ें-  Valentine's Week Special: 4 से 12 फरवरी तक पंचग्रही संयोग, आपके प्यार पर पड़ेगा असर

दिशा का भी ध्यान रखें
प्रतिमा की स्थापना करते हुए दिशा का भी ध्यान रखें. गणेश जी को विराजमान करने के लिए ब्रह्म स्थान, पूर्व दिशा और उत्तर पूर्व कोण शुभ माना जाता है. गणपति प्रतिमा को दक्षिण और दक्षिण-पश्चिम कोण यानी नैऋत्य कोण की दिशा में नहीं रखें. ऐसा करना लाभकारी नहीं है. घर या ऑफिस में एक ही जगह पर गणेश जी की दो मूर्ति एक साथ नहीं रखें. वास्तु के अनुसार इससे उर्जा का आपस में टकराव होता है जो अशुभ फल देता है. एक से अधिक गणेश प्रतिमाएं हैं तो उन्होंने अलग-अलग स्थानों पर ही रखें.

ये भी पढ़ें- सपने में देखा है ऐसा आलिंगन तो आज फूंक-फूंक कर रखें कदम!

स्वास्तिक को लगाएं द्वार पर


अब प्रश्न आता है कि घर में प्रवेश करते हुए ऐसा कौन सा मंगल चिह्न हो जिस पर पहली और सीधी नजर जाए और वह मंगलकारी भी हो. ऐसे में स्वास्तिक सबसे अच्छा विकल्प है. स्वास्तिक या सतिया सबसे प्राचीन सनातनी मांगलिक चिह्न है. यह दसों दिशाओं का प्रतीक है. ऊर्जा और सकारात्मक ऊर्जा का गति पथ है. इसलिए इसे दरवाजे के ऊपर या ऐसी स्थिति में आगे की ओर लगाया जा सकता है जहां से आपकी नजर सीधे उस पर पड़े. यह मंगलकारी होता हैं.

Zee Hindustan News App: देश-दुनिया, बॉलीवुड, बिज़नेस, ज्योतिष, धर्म-कर्म, खेल और गैजेट्स की दुनिया की सभी खबरें अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें ज़ी हिंदुस्तान न्यूज़ ऐप.

 

ट्रेंडिंग न्यूज़