Commonwealth Games: इंग्लैंड की मेजबानी में इस साल बर्मिंघम में आयोजित किये जाने वाले राष्ट्रमंडल खेलों को शुरू होने में अब बस एक हफ्ते से कम का समय रह गया है. इन खेलों में इस साल 72 देशों के 5 हजार से ज्यादा खिलाड़ी भाग लेते नजर आयेंगे तो वहीं भारत से भी 215 खिलाड़ियों का दल हिस्सा लेने पहुंचेगा. यह पहली बार होगा जब भारतीय दल से 108 पुरुष और 107 महिला खिलाड़ी हिस्सा लेने पहुंच रहे हैं, हालांकि दो महिला एथलीट के डोप टेस्ट में फेल हो जाने के बाद उनके भाग लेने पर अभी सवालिया निशान बना हुआ है.
1930 में पहली बार आयोजित किये गये इन कॉमनवेल्थ गेम्स को 92 साल पूरे हो गये हैं और यह 22वां मौका है जब इन खेलों का आयोजन किया जायेगा. ब्रिटिश अंपायर्स गेम्स के नाम से शुरू हुए इन खेलों के लिये यह 7वां मौका होगा जब उन्हें इंग्लैंड की मेजबानी में खेला जायेगा. आखिरी बार इंग्लैंड में इन खेलों का आयोजन 20 साल पहले किया गया था. कॉमनवेल्थ गेम्स स्पेशल के मौके पर आज हम आपको इन खेलों में भारतीय इतिहास के लिहाज से सबसे अहम तथ्यों के बारे में जानकारी देने जा रहे हैं.
1. भारत ने 1934 में पहली बार इन खेलों में हिस्सा लिया था जहां पर पहलवान राशिद अनवर ने कांस्य पदक जीतकर भारत को कॉमनवेल्थ गेम्स का पहला पदक जिताया था.
2. 1934 में आयोजित किये गये इन ओलंपिक्स खेलों में भारत की ओर से सिर्फ 6 खिलाड़ी ही भाग लेने पहुंचे थे, जिन्होंने कुश्ती और एथलेटिक्स के स्पोर्टस में ही हिस्सा लिया था.
3. कॉमनवेल्थ गेम्स में भारत ने अपना पहला गोल्ड मेडल आजादी के बाद जीता था. भारत को यह पदक 1958 में आयोजित किये गये कॉर्डिफ गेम्स के दौरान दिग्गज एथलीट मिल्खा सिंख ने दिलाया था, जिसके बाद उन्हें फ्लाइंग सिक्ख के नाम से जाना जाने लगा.
4. कॉमनवेल्थ गेम्स में भारत के लिये मेडल जीतने वाली पहली महिला खिलाड़ियों की बात करें तो यह कारनामा अमी घीया और कंवल ठाकर सिंह की जोड़ी ने 1978 में ब्रॉन्ज पदक जीतकर किया था.
5. भारत को राष्ट्रमंडल खेलों के दौरान एथलेटिक्स का अपना दूसरा गोल्ड मेडल जीतने के लिये 52 साल का इंतजार करना पड़ा था जहां पर कृष्णा पूनिया ने 2010 के कॉमनवेल्थ गेम्स में डिस्क थ्रो का गोल्ड जीतकर इतिहास रचा था.
6. भारत के लिये राष्ट्रमंडल खेलों में पहला गोल्ड मेडल जीतने वाली महिला बनने का रिकॉर्ड निशानेबाज रूपा उन्नीकृष्णन के नाम है जिन्होंने 1998 में खेले गये कुआलालंपुर गेम्स में 50 मीटर राइफल प्रोन स्पर्धा का गोल्ड अपने नाम किया था.
7. कॉमनवेल्थ गेम्स के इतिहास में भारत ने अब तक कुल 503 पदक जीते हैं जिसमें 181 गोल्ड, 173 सिल्वर और 149 ब्रॉन्ज मेडल शामिल है.
8. कॉमनवेल्थ गेम्स के इतिहास में सिर्फ दो बार ही ऐसा देखने को मिला है जब भारतीय दल इन खेलों में कोई पदक न जीत पाया है. पहली बार यह 1938 के सिडनी गेम्स और दूसरी बार 1954 के वैंकुवर गेम्स में देखने को मिली थी.
9. भारत ने साल 2010 में पहली बार कॉमनवेल्थ गेम्स की मेजबानी के अधिकार हासिल किये थे, इसके लिये उसने एडमंटन को 46-22 के अंतर से हराया था.
10. भारत 2002 चरण के बाद से कभी भी पदक तालका में टॉप 5 से बाहर नहीं रहा है.
11. साल 2006 के कॉमनवेल्थ गेम्स में एथलीट रंजीत कुमार ने डिस्कस थ्रो का ब्रॉन्ज मेडल जीतकर इतिहास रचा था और इन खेलों में पदक जीतने वाले पहले भारतीय पैरा एथलीट बने थे.
12. कॉमनवेल्थ गेम्स में भारत के लिये सबसे ज्यादा पदक जीतने का रिकॉर्ड एथलीट जसपाल राणा के नाम है जिन्होंने इन खेलों में 15 पदक अपने नाम किये हैं
13. बीआर चोपड़ा की महाभारत में भीम का रोल करने वाले दिवंगत अभिनेता प्रवीण कुमार सोबती ने जमैका के किंग्स्टन में 1966 राष्ट्रमंडल खेलों में भारत के लिये पदक जीता था. उन्होंने पुरूष हैमर थ्रो में रजत पदक जीता था.
14. कॉमनवेल्थ गेम्स में भारत ने अपना सबसे बड़ा दल 2010 में भेजा था जहां पर भारत के कुल 495 खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया था.
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