नई दिल्ली: भारत के सर्वकालिक महान एथलीट में से एक फ्लाइंग सिख के नाम से मशहूर मिल्खा सिंह का शुक्रवार देर रात चंडीगढ़ में निधन हो गया. मिल्खा सिंह को पिछले महीने कोरोना संक्रमित होने के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया था.
बुधवार को उनकी कोरोना रिपोर्ट निगेटिव आ गई थी. लेकिन दो दिन बाद उनकी तबीयत बिगड़ गई और उनका निधन हो गया. वो 91 वर्ष के थे. चंडीगढ के पीजीआईएमईआर अस्पताल में उन्होंने अंतिम सांस ली.
भारत ने महान खिलाड़ी खो दिया
पीएम मोदी ने देर रात मिल्खा सिंह के देहांत की खबर मिलते ही शोक जताते हुए कई ट्वीट किए. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत के महान धावक मिल्खा सिंह के निधन पर शोक जताते हुए कहा कि भारत ने ऐसा महान खिलाड़ी खो दिया जिनके जीवन से उदीयमान खिलाड़ियों को प्रेरणा मिलती रहेगी.
मोदी ने मिल्खा सिंह के साथ मुलाकात की तस्वीर साझा करते हुए ट्वीट किया, 'मिल्खा सिंह जी के निधन से हमने एक महान खिलाड़ी को खो दिया जिनका असंख्य भारतीयों के ह्रदय में विशेष स्थान था. अपने प्रेरक व्यक्तित्व से वे लाखों के चहेते थे. मैं उनके निधन से आहत हूं.'
उन्होंने आगे लिखा ,'मैंने कुछ दिन पहले ही श्री मिल्खा सिंह जी से बात की थी. मुझे नहीं पता था कि यह हमारी आखिरी बात होगी. उनके जीवन से कई उदीयमान खिलाड़ियों को प्रेरणा मिलेगी. उनके परिवार और दुनिया भर में उनके प्रशंसकों को मेरी संवेदनायें.'
रविवार को हो गया था पत्नी का निधन
मिल्खा सिंह से पहले उनकी पत्नी और भारतीय वॉलीबॉल टीम की पूर्व कप्तान निर्मल कौर ने भी कोरोना संक्रमण के कारण दम तोड़ दिया था. पद्मश्री से सम्मानित मिल्खा सिंह के परिवार में उनके बेटे गोल्फर जीव मिल्खा सिंह और तीन बेटियां हैं. 20 नवंबर, 1929 को मौजूदा पाकिस्तान के गोविंदपुरा में मिल्खा सिंह का जन्म हुआ था. बटवारे की त्रासदी का शिकार होकर वो भारत आ गए थे.
शुक्रवार रात 11.30 बजे ली आखिरी सांस
उनके परिवार के एक प्रवक्ता ने बताया, मिल्खा सिंह ने शुक्रवार रात 11.30 पर आखिरी सांस ली. उनकी हालत शाम से ही खराब थी और बुखार के साथ आक्सीजन भी कम हो गई थी. वह पीजीआईएमईआर के आईसीयू में भर्ती थे. उन्हें पिछले महीने कोरोना हुआ था और बुधवार को उनकी रिपोर्ट नेगेटिव आई थी. उन्हें जनरल आईसीयू में शिफ्ट कर दिया गया था. गुरूवार की शाम से पहले उनकी हालत स्थिर हो गई थी.
एशियाई खेले में जीते थे चार स्वर्ण पदक
पांच दिन पहले रविवार को उनकी पत्नी 85 वर्षीय निर्मल का एक निजी अस्पताल में निधन हुआ था. चार बार के एशियाई खेलों के स्वर्ण पदक विजेता मिल्खा ने 1958 राष्ट्रमंडल खेलों में भी गोल्ड मेडल हासिल किया था. उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन हालांकि 1960 के रोम ओलंपिक में था जिसमें वह 400 मीटर फाइनल में चौथे स्थान पर रहे थे. उन्होंने 1956 और 1964 ओलंपिक में भी भारत का प्रतिनिधित्व किया. साल 1959 में उन्हें पद्मश्री से नवाजा गया था.
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