नई दिल्लीः भारतीय महिला क्रिकेट की नई बल्लेबाजी ऑलराउंडर सजना सजीवन इन दिनों क्रिकेट जगत में चर्चा का विषय बनी हुई हैं. ये वो खिलाड़ी है, जिसने अपने डेब्यू मैच में ही मात्र एक गेंद खेलकर बाजी पलट दी. एमआई के लिए आखिरी गेंद पर छक्का जड़कर चार विकेट से जीत दिलाने वाली मशहूर खिलाड़ी बनने के बाद सुर्खियों में रहीं. केरल के वायनाड के एक गांव मनन्थावडी के कुरिचिया जनजाति से आने वाली सजना सजीवन ने याद किया कि कैसे उन्होंने क्रिकेट खेलना शुरू किया था.
जानें उनके संघर्ष की कहानी
सजना सजीवन ने जियो सिनेमा के साथ बातचीत में कहा, "जब मैंने क्रिकेट खेलना शुरू किया तब मैं पांच साल की थी, लेकिन मुझे महिला क्रिकेट के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं थी. यह एल्सम्मा शिक्षक ही थे जिन्होंने मुझे इसके बारे में सब कुछ बताया.
नारियल के डंडे से सीखी कला
"उस समय मेरे पास क्रिकेट बैट नहीं था, इसलिए मैं नारियल की शाखा आदि के साथ खेलती थी. हालांकि, जब मुझे केरल के लिए खेलने के लिए चुना गया, तो मुझे एक पेशेवर किटबैग मिला. हमारी पारिवारिक पृष्ठभूमि थोड़ी कमजोर थी, इसलिए जब मैंने मैच खेला, तो मुझे डीए, टीए और मैच फीस मिली. इससे हमारे परिवार को आर्थिक रूप से थोड़ी मदद मिली.
सजना भी इंडिया 'ए' में शामिल हो गईं और उन्हें लगता है कि डब्ल्यूपीएल 2024 उनके लिए अपने भारत के सपने को साकार करने का एक मौका है.
सजना ने कहा, "मेरी आदर्श हरमनप्रीत कौर भी वहीं हैं, इसलिए मैं यहां बहुत सी चीजें सीखना चाहती हूं. जब भी मुझे मौका मिलेगा, मैं मुंबई परिवार के लिए अपना 100 प्रतिशत दूंगी. मेरा सपना भारत के लिए खेलना है और डब्ल्यूपीएल मंच मुझे वहां तक पहुंचने में मदद कर सकता है."
सजना एक बार फिर एक्शन में तब नजर आएगी जब मुंबई इंडियंस रविवार शाम को एम चिन्नास्वामी स्टेडियम में डब्ल्यूपीएल 2024 के तीसरे मैच में गुजरात जायंट्स से खेलेगी.
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