नई दिल्ली: लगभग दो साल के लंबे समय के बाद अपना पहला टेस्ट मैच खेल रहे बाएं हाथ के कलाई के स्पिनर कुलदीप यादव ने दूसरी पारी में 3/77 के आंकड़े के साथ लंबे प्रारूप में यादगार वापसी करते हुए भारत को 188 रनों से जीत दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.
कुलदीप ने झटके 8 विकेट
कुल मिलाकर, कुलदीप ने मैच में 113 रन देकर आठ विकेट लिए, जिसमें पहली पारी में बांग्लादेश को 150 रन पर आउट किया और 40 रन देकर पांच विकेट झटके. वहीं, दूसरी पारी में 73 रन देकर उन्होंने तीन विकेट झटके.
उन्होंने मैच समाप्ति के बाद कहा, "गेंद पर अधिक घुमाव से बल्लेबाज को गेंद हिट करने में कठिनाईयां आती है. इससे बल्लेबाजों के लिए यह चुनना मुश्किल हो जाता है कि वह गेंद को कैसे रोके."
दूसरी पारी में गेंदबाजी करना मुश्किल था- कुलदीप
कुलदीप ने बल्ले से भी अहम योगदान दिया, पहली पारी में करियर का सर्वश्रेष्ठ 40 रन बनाकर और रविचंद्रन अश्विन के साथ आठवें विकेट के लिए 92 रन जोड़कर भारत को पहली पारी में 404 रन बनाने में मदद की. साथ ही उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि पहली पारी की तुलना में दूसरी पारी में गेंदबाजी करना काफी कठिन था.
"ईमानदारी से कहूं तो बल्ले और गेंद दोनों से अपने प्रदर्शन से बहुत खुश हूं. पहली पारी में विकेट की गति थोड़ी तेज थी, गेंद अच्छे से बल्ले पर आ रही थी. दूसरी पारी में थोड़ी कठिनाईयां हुई, लेकिन उसपर काम करना पड़ा."
चौथे दिन के खेल के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में, भारत के गेंदबाज कोच पारस म्हाम्ब्रे ने कुलदीप की वापसी पर प्रारूप में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने और चटोग्राम में भारत के लिए खड़े होने के लिए अपनी गेंदबाजी से संबंधित हर चीज पर काम करने के लिए प्रशंसा की थी.
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