बेंगलुरु: रणजी ट्रॉफी में मुंबई की हार ने न केवल उसके खिलाड़ियों और कोच का सपना तोड़ा बल्कि पृथ्वी शॉ के करियर पर भी बुरा असर पड़ा. उन्हें टीम इंडिया का न्यू सचिन माना जा रहा था क्योंकि उनकी बैटिंग स्टाइल और कद उनसे मिलता था लेकिन अब उनकी वापसी की गुंजाइश भी खत्म होती दिख रही है.
पृथ्वी ने आखिरी टेस्ट 2020 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेला था. टीम इंडिया जिस तरह मौजूदा खिलाड़ी खुद को मिल रहे मौकों का फायदा उठा रहे हैं उससे लगता है कि फिलहाल पृथ्वी की वापसी मुश्किल है. मुंबई की 42 वीं बार खिताब दिलाने में नाकाम रहने वाले पृथ्वी शॉ की टीम को एमपी ने शिकस्त दी.
मुंबई के कप्तान पृथ्वी शॉ एम चिन्नास्वामी स्टेडियम में रणजी ट्रॉफी फाइनल में मध्य प्रदेश से छह विकेट से हारने के बाद नाखुश हैं. उन्होंने स्वीकार किया कि उन्हें थोड़ी और लंबी बल्लेबाजी करनी चाहिए थी.
पृथ्वी शॉ बोले, मुझे और अधिक बल्लेबाजी करनी चाहिए थी
मुंबई ने पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया, जिसमें शॉ और यशस्वी जायसवाल ने 87 रनों की शुरुआती साझेदारी की थी.
सरफराज खान के शानदार 134 रन के बावजूद, मुंबई पूरे फाइनल में बैकफुट पर रहा, क्योंकि मध्य प्रदेश ने 162 रनों की बढ़त ले ली और मुंबई को 269 रन पर ढेर करने के बाद आदित्य श्रीवास्तव की अगुवाई वाली टीम ने 108 रनों का लक्ष्य हासिल कर लिया.
पृथ्वी ने एमपी की टीम को सराहा
शॉ ने मैच के बाद कहा कि मुझे लगता है कि खिलाड़ियों ने जिस तरह से खेला है वह अविश्वसनीय है. बहुत से युवाओं और नए लोगों ने दिखाया है कि मुंबई क्रिकेट क्या है. हर दिन आपका दिन नहीं हो सकता, एमपी के खिलाड़ियों ने अच्छी बल्लेबाजी और गेंदबाजी की. हम इससे सीख सकते हैं और आगे बढ़ सकते हैं. शॉ ने वादा किया कि आगामी घरेलू सत्र में मुंबई मजबूत वापसी करेगा.
उन्होंने आगे कहा कि यदि आप व्यक्तिगत रूप से पूछें कि मैं लंबी बल्लेबाजी कर सकता था, लेकिन क्रिकेट में उतार-चढ़ाव आएंगे. मेरा सारा ध्यान इस बात पर था कि मैं खिलाड़ियों और टीम के लिए क्या बेहतर कर सकता हूं, अगले साल निश्चित रूप से मजबूत होकर वापसी करूंगा.
मुंबई की कप्तानी करना मेरे गर्व की बात
शॉ ने बताया कि यदि आप स्कोरकार्ड देखते हैं तो हमारे पास किस तरह की प्रतिभा है; अरमान (जाफर), सरफराज (खान), सुवेद (पारकर) मुंबई क्रिकेट का भविष्य हैं. मुंबई की कप्तानी करना मेरे लिए गर्व का क्षण है.
नए मुख्य कोच अमोल मजूमदार के बारे में पूछे जाने पर, शॉ ने टिप्पणी की कि मुझे वास्तव में अमोल सर के अधीन खेलने में मजा आया, वह वास्तव में शांत और सख्त है और इस साल बहुत मेहनत की है. हमें कप नहीं मिला, लेकिन आशा है कि वह प्रयास से खुश होंगे.
नौ पारियों में 122.75 के औसत से 982 रन बनाने के लिए प्लेयर ऑफ द सीरीज से नवाजे जाने वाले सरफराज ने 275 के उच्चतम स्कोर के साथ चार शतक और दो अर्धशतक बनाए, उनके रन के लिए अपने पिता और कोच नौशाद खान का आभार व्यक्त किया.
Zee Hindustan News App: देश-दुनिया, बॉलीवुड, बिज़नेस, ज्योतिष, धर्म-कर्म, खेल और गैजेट्स की दुनिया की सभी खबरें अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें ज़ी हिंदुस्तान न्यूज़ ऐप.