Team India Sex Before Match, T20 World Cup 2022: खेल के मैदान पर खिलाड़ियों के प्रदर्शन में सुधार लाने के लिये मैच से पहले सेक्स करें या नहीं उसको लेकर एक लंबे समय से बहस छिड़ी हुई है, जहां पर कुछ लोगों का मानना है कि इससे खिलाड़ी स्ट्रेस फ्री रहकर अच्छा प्रदर्शन कर सकते हैं तो वहीं पर कुछ लोगों का मानना है कि यह ध्यान भटकाने और शरीर थकाने वाली प्रक्रिया है. ऑस्ट्रेलिया दौरे पर भारतीय टीम के साथ 16 सदस्यीय स्टाफ पहुंचा है जिसमें मेंटल और कंडीशनिंग कोच पैडी ऑप्टन का नाम भी है.
क्या द्रविड़ को पसंद है सेक्स की आइडियॉलजी
यह बात किसी से छुपी हुई नहीं है कि साल 2008 से 2011 तक भारतीय टीम का हिस्सा रहे पैडी ऑप्टन को हेड कोच राहुल द्रविड़ की सलाह पर ही टीम से जोड़ा गया है. जिस समय पैडी ऑप्टन भारतीय टीम से जुड़े थे उस वक्त राहुल द्रविड़ बतौर खिलाड़ी सक्रिय थे जो कि बताता है कि वो उनके काम करने के तरीके को अच्छे से समझते हैं.
ऐसे में सवाल उठने लगे हैं कि राहुल द्रविड़ को विश्वकप से पहले पैडी ऑप्टन को टीम में लाने की जरूरत क्यों पड़ी. उल्लेखनीय है कि ऑप्टन उन लोगों में से है जो कि खिलाड़ियों के मैच से पहले सेक्स करने के आइडिया का समर्थन करते हैं और वो पहले भी कोच गैरी कर्स्टन को ऐसा करने की सलाह दे चुके हैं. ऑप्टन ने इसका खुलासा भारतीय टीम से करार खत्म होने के बाद अपनी किताब में किया था.
2011 में ही थी खिलाड़ियों को सेक्स की सलाह
ऐसे में पैडी ऑप्टन को आखिरी समय पर भारतीय टीम से जोड़ने का मतलब क्या माना जाये कि खुद कोच राहुल द्रविड़ उनकी सेक्स की फिलॉसफी के समर्थक हैं और इसे ऑस्ट्रेलिया में खेले जाने वाले टी20 विश्वकप के दौरान लागू करने का मन बना चुके हैं.
गौरतलब है कि आखिरी बार जब पैडी ऑप्टन भारतीय टीम मैनेजमेंट का हिस्सा थे तो उस वक्त खिलाड़ियों को विदेशी दौरों पर अपने साथ परिवार ले जाने की इजाजत नहीं होती थी, हालांकि अब न सिर्फ आईसीसी टूर्नामेंट बल्कि लंबे विदेशी दौरों पर भी खिलाड़ी अपने परिवार और गर्लफ्रेंड को साथ लेकर जाते हैं. इसकी शुरुआत 2018 में हुई थी, हालांकि 2019 विश्वकप में खिलाड़ियों को इंग्लैंड में परिवार साथ ले जाने के बजाय 15 दिन का फैमिली पीरियड दे दिया गया था.
बोर्ड नहीं करता खुल के समर्थन
बोर्ड का यह आदेश ज्यादातर खिलाड़ियों ने मान लिया था लेकिन कुछ खिलाड़ियों ने इस नियम को तोड़ा और मामले की जानकारी होने के बाद जांच समिति भी इसका पता लगाती नजर आई. ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि बीसीसीआई अभी भी यही मानता है कि खेल से पहले सेक्स खिलाड़ियों को कमजोर कर सकता है और इसका खुलकर समर्थन नहीं करता है.
हालांकि यह फैसला टीम के हेड कोच और सपोर्ट स्टाफ पर निर्भर करता है कि वो इसे किस तरह से देखते हैं. ऐसे में जब भारतीय टीम एक बार फिर से आईसीसी के बड़े टूर्नामेंट में जीत की उम्मीद से पहुंची है तो देखने लायक होगा कि द्रविड़-ऑप्टन की जोड़ी खिलाड़ियों को मानसिक और शारीरिक रूप मजबूत रखने के लिए इस प्रयोग को करती नजर आएगी या फिर पारंपरिक तरीकों को ही अपनाएगी.
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