CBSE: अब साल में दो बार होंगे 12 के बोर्ड एग्जाम! जानें- कब से लागू होगा नया पैटर्न

CBSE Exam new Pattern: वर्तमान में, सीबीएसई फरवरी-मार्च के बीच कक्षा 12 की बोर्ड परीक्षा आयोजित करता है, जिसमें छात्रों को किसी भी एक विषय में 'सप्लीमेंट्री' परीक्षा में बैठने का अतिरिक्त विकल्प दिया जाता है. हालांकि, अब बड़ा बदलाव होने जा रहा है.

Written by - Nitin Arora | Last Updated : Jul 17, 2024, 11:45 AM IST
  • कक्षा 10 और कक्षा 12 की बोर्ड परीक्षा दो बार
  • छात्रों के लिए नया बदलाव 2026 से
CBSE: अब साल में दो बार होंगे 12 के बोर्ड एग्जाम! जानें- कब से लागू होगा नया पैटर्न

CBSE 12th Exam new Pattern: साल में एक बार ही 12वीं के बोर्ड एग्जाम होते थे, लेकिन अब एक नए और बड़े बदलाव के तहत यह एग्जाम साल में दो बार कराया जा सकता है. छात्रों पर शैक्षणिक दबाव कम करने के उद्देश्य से एक कदम उठाते हुए, कक्षा 12 के छात्रों के लिए दूसरी वार्षिक केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSI) परीक्षा जून 2026 से लागू की जा सकती है. द इंडियन एक्सप्रेस ने बुधवार को यह जानकारी दी. साल में दो बार परीक्षा आयोजित करने का उद्देश्य छात्रों को अधिक अवसर प्रदान करना है.

वर्तमान में, सीबीएसई फरवरी-मार्च के बीच कक्षा 12 की बोर्ड परीक्षा आयोजित करता है, जिसमें छात्रों को किसी भी एक विषय में 'सप्लीमेंट्री' परीक्षा में बैठने का अतिरिक्त विकल्प दिया जाता है. मई में परिणाम घोषित होने के बाद सप्लीमेंट्री परीक्षाएं आयोजित की जाती हैं. नई परीक्षा संरचना के लिए शिक्षा मंत्रालय ने बोर्ड से एक प्रस्ताव तैयार करने को कहा है जिसे 2026 में लागू किए जाने की उम्मीद है.

नई शिक्षा नीति का क्रियान्वयन
फरवरी में केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा था कि शैक्षणिक सत्र 2025-26 से छात्र कक्षा 10 और कक्षा 12 की बोर्ड परीक्षा दो बार दे सकेंगे.

यह कदम नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2020 के क्रियान्वयन का हिस्सा है. इस नीति का उद्देश्य भारत में शिक्षा प्रणाली को 21वीं सदी के लक्ष्यों के अनुरूप ढालना है.

इसके क्रियान्वयन पर केंद्र ने कहा है कि पिछली नीतियों में शिक्षा तक पहुंच और समानता पर ध्यान केंद्रित किया गया था, जबकि नई नीति छात्रों की रचनात्मक क्षमता तक पहुंचने के लिए बनाई जाएगी.

वर्ष में दो बार परीक्षा आयोजित करने का निर्णय मंत्रालय द्वारा 2023 में 'New Curriculum Framework (NCF)' के नाम से घोषित किया गया था. यह बदलाव बच्चों को अच्छा प्रदर्शन करने में भी सहायता देगी. इन शैक्षिक सुधारों का उद्देश्य भारत को 2047 तक 'विकसित भारत' बनने की दिशा में आगे बढ़ाना है, जो केंद्र द्वारा स्वतंत्रता के 100 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में निर्धारित किया गया लक्ष्य है. उल्लेखनीय है कि फरवरी में पेश किए गए अंतरिम बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त वर्ष 2024-25 में शिक्षा क्षेत्र के लिए 73,498 करोड़ रुपये आवंटित किए, जो इतिहास में अब तक का सबसे अधिक है.

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