रायपुर: छत्तीसगढ़ सरकार ने अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर कौशल्या मातृत्व योजना की शुरुआत की. इस योजना के तहत द्वितीय पुत्री के जन्म पर महिलाओं को पांच हजार रुपए की सहायता राशि दिए जाने का प्रावधान है. राज्य के जनसंपर्क विभाग के अधिकारियों ने सोमवार को यहां बताया कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस को लेकर राजधानी रायपुर के बीटीआई मैदान में आयोजित राज्य स्तरीय महिला सम्मेलन में सुरक्षित मातृत्व के लिए पांच हितग्राहियों को पांच-पांच हजार रुपए का चेक प्रदान कर कौशल्या मातृत्व योजना की शुरुआत की.
बच्चियों के पालन-पोषण में मदद मिलेगी
इस योजना के तहत द्वितीय पुत्री के जन्म पर महिला हितग्राहियों को एक मुश्त पांच हजार रुपए की सहायता राशि दिए जाने का प्रावधान है. योजना से बच्चियों के पालन-पोषण में मदद मिलेगी. मुख्यमंत्री बघेल ने इस अवसर पर राज्य की सभी महिलाओं को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ की संस्कृति में हमेशा महिलाओं का ऊंचा स्थान रहा है. महिला उत्थान के लिए किए गए कार्यों का उल्लेख करते हुए बघेल ने कहा कि आज महिलाएं गौठानों में गोबर से वर्मी कम्पोस्ट सहित विभिन्न सामग्रियां तैयार कर रही हैं.
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उन्होंने कहा कि बड़े उद्योगपतियों की तरह अब छत्तीसगढ़ की महिलाएं गोबर से पेंट, बिजली भी तैयार करेंगी और बिजली उत्पादन के साथ बिजली बेचने का काम कर महिलाएं पैसे भी कमाएंगी. मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने तीजा-पोरा के अवसर पर स्व-सहायता समूहों का 13 करोड़ रुपये का ऋण भी माफ कर दिया है और महिलाकोष से उनकी लोन लेने की सीमा दोगुनी कर दी है. अधिकारियों ने बताया कि मुख्यमंत्री ने राज्य स्तरीय महिला सम्मेलन में आंगनबाड़ी सेवाओं में उत्कृष्ट कार्य करने वाली आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, छत्तीसगढ़ महिला कोष योजनाओं से लाभ लेकर महिलाओं को आर्थिक रूप से स्वावलंबी बनाने वाले स्व-सहायता समूहों तथा सखी वन स्टॉप सेंटर और नवा बिहान योजना के तहत महिला संरक्षण की दिशा में उत्कृष्ट कार्य करने वाली अधिकारियों को भी सम्मानित किया.
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