नागरिक उड्डयन मंत्री ने कहा नहीं हुआ निजीकरण तो बंद होगा Air India का परिचालन

इंडियन कमर्शियल पायलट एसोसिएशन (ICPA)ने नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी को एक चिठ्ठी लिखी है. इसमें कहा गया कि वे एयर इंडिया के पायलटों और कमांडरों के लंबित बकाये का भुगतान करें. उनका दावा है कि उन्हें हाल के 2-3 वर्षों में समय पर उड़ान भत्ते और वेतन का भुगतान नहीं मिला है.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Dec 24, 2019, 05:18 PM IST
    • हाल के दिनों में वेतन भुगतान में हो रही है समस्या
    • निजीकरण उड़ानों को चालू रखने के लिहाज से जरूरी
नागरिक उड्डयन मंत्री ने कहा नहीं हुआ निजीकरण तो बंद होगा Air India का परिचालन

नई दिल्ली: एसोसिएशन ने अपने पत्र में कहा कि फ्लाइंग अलाउंस में पायलटों के वेतन पैकेज का 70 प्रतिशत हिस्सा होता है. फ्लाइंग अलाउंस में देरी के कारण क्रूज सदस्यों को गंभीर वित्तीय बाधाओं का सामना करना पड़ता है. हरदीप सिंह पुरी ने पहले ही कहा था कि एयर इंडिया के पायलटों की बहुत अच्छी तरह से देखभाल की जाती है. उनका वेतन बाकी एयर पॉयलट्स की तुलना में ज्यादा अच्छे से किया जाता है.                       

हाल के दिनों में वेतन भुगतान में हो रही है समस्या

जानकारी के लिए बता दें कि एसोसिएशन ने सोमवार को अपने पत्र में दावा किया है कि एयर इंडिया के पायलटों को एयर कैरियर की तुलना में केवल आधा भुगतान ही किया जाता है. यह स्थिति हाल के दिनों में उभरी है. मंत्री ने एयर इंडिया के पायलटों के किसी भी इस्तीफे के बारे में कोई फैसला नहीं लिया है. एक अन्य बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए ICPA ने कहा कि सोमवार तक 65 पायलटों ने अपना इस्तीफा सौंप दिया है और तो और वे छह महीने की नोटिस अवधि तक सेवा दे रहे थे. 

इन पायलटों में से अधिकांश अनुभवी कैट 3 बी योग्य सह-पायलट हैं. कुछ संभावित कमांडर भी हैं. ICPA ने अपने पत्र में कहा कि हम इन अनुभवी सह-पायलटों को उन अन्य वाहकों के हिसाब से खो रहे हैं. 

निजीकरण उड़ानों को चालू रखने के लिहाज से जरूरी

एसोसिएशन का पत्र पुरी के 27 नवंबर को राज्यसभा में उनसे पूछे गए सवालों के जवाब दिए गए हैं. सवालों के लिखित जवाब में, पुरी ने कहा था कि अगर एयरलाइन का निजीकरण नहीं किया जाता है तो एयर इंडिया का परिचालन बंद करना पड़ सकता है. 

ICPA ने भी कहा कि राष्ट्रीय वाहक जिस पर लगभग 54,000 करोड़ रुपये का भारी-भरकम कर्ज है, उसे आगे कोई वित्तीय सहायता नहीं दी जाएगी. यह इसलिए क्योंकि केंद्र सरकार के दुर्लभ वित्तीय संसाधनों का सबसे अच्छा उपयोग' नहीं माना जाता है. आईसीपीए ने अपने पत्र में कहा है कि पुरी का यह बयान चिंताजनक है.

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