नई दिल्ली: अगर आप ई-स्कूटर की सवारी करते हैं, तो सुरक्षा के लिए सावधानी बरतें, क्योंकि नए शोध से पता चला है कि लगभग 28 फीसदी इलेक्ट्रिक स्कूटरों में सिर और गर्दन में चोटें आई हैं.
28 प्रतिशत चालक हुए सिर एवं गर्दन की चोट का शिकार
द लेरिंजोस्कोप जर्नल में प्रकाशित शोध रिपोर्ट ने संकेत दिया कि ई-स्कूटर के उपयोग के कारण सिर और गर्दन की चोटें 2017 के अंत में जनता के लिए राइडशेयर सिस्टम पेश किए जाने के बाद से बढ़ रही हैं.
अमेरिका में हेनरी फोर्ड अस्पताल के शोधकर्ता कैथलीन यारेमचुक ने कहा, चूंकि प्रमुख शहरों में ई-स्कूटर परिवहन का एक लोकप्रिय रूप बन गया है, इसलिए चोटों की संख्या में काफी वृद्धि हुई है, क्योंकि वे अधिक लोगों के लिए उपलब्ध हो गए हैं.
अध्ययन के लिए, टीम ने अमेरिकी उपभोक्ता उत्पाद सुरक्षा आयोग के उपलब्ध आंकड़ों को देखा और पाया कि जनवरी 2009 और दिसंबर 2019 के बीच 100,000 से अधिक ई-स्कूटर से संबंधित चोटों की सूचना मिली थी.
अध्ययन में पाया गया कि कुल ई-स्कूटर से संबंधित चोटों की रिपोर्ट में सिर और गर्दन की चोटों का लगभग 28 प्रतिशत हिस्सा है.
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शोधकर्ताओं ने दी हेलमेट सहित अन्य सुरक्षा पैड पहनने की सलाह
अध्ययन में सामान्य प्रकार के ई-स्कूटर से संबंधित सिर और गर्दन की चोटों में आंतरिक अंग शामिल थे, जिनमें मस्तिष्क की चोटें, घाव, अंतर्विरोध और घर्षण, हिलाना और फ्रैक्चर शामिल थे.
इस ध्यान में रखते शोधकर्ताओं ने सवारों को हेलमेट, घुटने और कोहनी के पैड पहनने पर जोर दिया.
टीम ने कहा, उचित कपड़े पहनें जो सवारी करते समय आपके शरीर को संकुचित न करें. विशिष्ट ई-स्कूटर की विशिष्टताओं, विशेषताओं और क्षमताओं को समझें.
उन्होंने कहा, यातायात कानूनों का पालन करें, आगे के रास्ते पर ध्यान दें और पैदल चलने वालों, कारों और अन्य बाधाओं पर ध्यान दें.
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