नई दिल्ली: नौकरी पेशा कर्मचारियों के लिए पेंशन मैनेज करने वाली संस्था, ईपीएफओ (EPFO) अपने सदस्यों के लिए कई तरह की स्कीमें चलाती है. इन स्कीमों का लाभ केवल उन लोगों को ही मिल पाता है जो ईपीएफओ के सदस्य है. साथ ही इन स्कीमों के लिए ईपीएफओ अपने सदस्यों से किसी भी तरह का कोई पैसा नहीं लेता है.
ईपीएफओ द्वारा चलाई जाने वाली कई स्कीमों में से एक स्कीम है इंप्लॉइज डिपॉजिट लिंक्ड इंश्योरेंस स्कीम यानी ईडीएलआई (EDLI) स्कीम. इस स्कीम के जरिए इपीएफओ सदस्यों को बीमा का फायदा मिलता है.
ईडीएलआई स्कीम
ईपीएफओ अपने सदस्यों की आकस्मिक मृत्यु होने पर उनके परिवार को बीमा कवर का फायदा देती है. ईपीएफओ की ईडीएलआई स्कीम के तहत सबस्क्राइबर की अकाल मृत्यु हो जाने पर उसके नॉमिनी को 7 लाख रुपये तक की इंश्योरेंस की रकम दी जाती है. अगर कोई व्यक्ति ईपीएफओ का सदस्य है और उसने लगातार 12 महीने नौकरी की है, तो अकाल मृत्यु होने पर उसके परिवार वालों को 7 लाख रुपये के बीमा कवर का फायदा दिया जाएगा.
यह बीमा कवर उन लोगों को भी मिलता है, जिन्होंने एक साल के अंदर एक से ज्यादा संस्थानों में नौकरी की है. इंश्योरेंस का क्लेम कर्मचारी के परिवार वालों की तरफ से कर्मचारी की अकाल मृत्यु होने पर किया जा सकता है. ईडीएलआई स्कीम में क्लेम करने वाला सदस्य कर्मचारी का नॉमिनी होना चाहिए. आपको बताते चलें कि, कोरोना के कारण मृत्यु होने पर भी इस बीमा कवर का लाभ मिलता है.
नहीं दोना होता कोई भी पैसा
ईपीएफओ की ईडीएलआई स्कीम के तहत इंश्योरेंस का लाभ लेने के लिए आपको अलग से प्रीमियम के तौर पर कोई भी पैसा नहीं देना होता है. इस स्कीम में योगदान नियोक्ता यानी जहां आप नौकरी कर रहे हैं उस संस्था द्वारा किया जाता है.
कैसे होगा क्लेम
ईपीएफओ सदस्य की अकाल मृत्यु होने पर उसका नॉमिनी या उत्तराधिकारी इस बीमा कवर के लिए क्लेम कर सकता है. क्लेम करने के लिए इंश्योरेंस कंपनी को कर्मचारी की मृत्यु का सर्टिफिकेट, सक्सेशन सर्टिफिकेट, माइनर नॉमिनी की ओर से आवेदन करने वाले अभिभावक का प्रमाण पत्र और बैंक विवरण देना जरूरी होता है.
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