नई दिल्लीः Corona जिस तरह से लगातार पांव पसार रहा है इससे लोगों में एक बार फिर डर का माहौल बन रहा है. वहीं सबसे अधिक डर बच्चों को लेकर भी है. भले ही स्कूल और कोचिंग संस्थान अभी बंद चल रहे हैं, लेकिन Virus का बढ़ता संक्रमण उनसे दूर नहीं है.
दूसरी ओर चिंता की सबसे बड़ी वजह यह है कि बच्चों के लिए अभी तक कोई वैक्सीन नहीं बनी है जो उन्हें लगाई जा सके. ऐसे में सिर्फ बचाव ही उनके लिए एक उपाय बचता है.
क्या कहते हैं डॉक्टर
इस तरह से देखा जाए तो यह बहुत जरूरी हो जाता है कि बच्चों का खान-पान ऐसा हो जो उन्हें महामारी के इस दौर में पोषण भी दे और उनकी प्रतिरोधात्मक क्षमता को भी विकसित करे. इस बारे में IMA president, DR KK agarwal का कहना है कि बच्चों को बच्चों को कसैले फल और सब्जी देना कोरोना के दूसरे स्ट्रेन में फायदेमंद होगा.
उन्हें स्प्राउट्स, सभी तरह की दालें, करेला आदि दिया जाना चाहिए. बच्चों को अश्वगंधा और गिलोय भी दिया जा सकता है.
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अंकुरित अनाज से मिलेगी ताकत
स्प्राउट्स (Sprouts) को न्यूट्रिशन का पावर हाउस कहा जाता है. अंकुरित अनाज में एंटीऑक्सिडेंट्स और विटामिन डी समेत कई न्यूट्रिएंट्स की मात्रा बढ़ जाती है.
जिससे न सिर्फ शरीर को डीटॉक्स (Body Detox) करने में मदद मिलती है बल्कि यह सेहत के लिए कई तरह से फायदेमंद भी होता है. बच्चों के लिए यह इसलिए भी और हेल्दी है क्योंकि इसमें कार्बोहाइड्रेट और प्रोटीन की सही मात्रा होती है.
दाल भी है जरूरी
सभी प्रकार की दालें प्रोटीन का अच्छा स्त्रोत होती हैं. बच्चों को दाल का पतला पानी सूप की तरह पीने के लिए देना चाहिए, जो कि शरीर को ताकत देता है और रोग प्रतिरोधात्मक क्षमता को बढ़ाता है. इसके अलावा सबसे गुणकारी मूंग की दाल होती है.
मूंग की दाल में ऐसे गुण होते हैं, जो शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ा देते हैं और बीमारियों से लड़ने की ताकत देते हैं. इसमें एंटी-माइक्रोबियल और एंटी-इंफलामेट्री गुण होते हैं, जो शरीर की इम्यूनिटी बढ़ाते हैं. मूंग की दाल के स्प्राउट में शरीर के टॉक्सिक को निकालने के गुण होते हैं. इसके सेवन से शरीर में विषाक्त तत्वों में कमी आती है.
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करेला जरूर परोसें थाली में
बच्चों की थाली में कड़वे और कसैले फल भी होने चाहिए. करेला सबसे प्रसिद्ध कड़वी सब्जी है. करेला एंटीबायोटिक और एंटीवायरल गुणों से भरपूर होता है. इसमें विटामिन-सी और विटामिन-ए भी पाए जाते हैं.
विटामिन-सी हमारे शरीर के रोग प्रतिरोधक क्षमता (इम्यूनिटी) बढ़ाने में सहायक है जबकि विटामिन-ए आंखों की रोशनी को बरकरार रखता है. नियमित तौर पर करेला खाने से बार-बार पेट खराब होना, पेट अफरना, गैस, बदहजमी, खट्टी डकार, पेट में कीड़े और मितली आने जैसी समस्याएं दूर होती हैं.
कंटोला की सब्जी भी खिलाएं
आयुर्वेद में कंटोला को सबसे ताकतवर सब्जी माना गया है. कंटोला खाने में स्वादिष्ट होने के साथ ही प्रोटीन से भरपूर सब्जी है. रोजाना इसका सेवन करने से शरीर में ताकत आती है. कंटोला में मौजूद फाइटोकेमिकल्स आपको सेहतमंद बनाते हैं.
एंटीऑक्सीडेंट रक्त को साफ रखता है, जिससे त्वचा संबंधी बीमारियां भी नहीं होती. एंटी-एलर्जन और एनाल्जेसिक सर्दी खांसी से राहत प्रदान करने और इस रोकन में काफी सहायक है. इसके सेवन से कैंसर के रोगियों को भी फायदा होता है. कंटोला में मौजूद ल्युटेन जैसे केरोटोनोइडस विभिन्न नेत्र रोग, हृदय रोग और यहां तक कि कैंसर की रोकथाम में सहायक है.
गिलोय का रस बनाएगा मजबूत
गिलोय एक ऐसी औषधि है, जिसे अमृत तुल्य वनस्पति माना जाता है. अगर बच्चों को अक्सर सर्दी-खांसी होती है तो ऐसे में शरीर में इम्यूनिटी की कमी है जिसकी वजह से वे ज्यादा बिमार रहते हैं और इन बातों को नजर अंदाज नहीं करना चाहिए.
ऐसे में बच्चों को गिलोय दें. ये उनकी इम्यूनिटी बढ़ाने में मदद करेगा. गिलोय रक्त को शुद्ध करता है, बैक्टीरिया से लड़ता है जो रोगों का कारण बनता है. ये ब्ल्ड प्लेटलेट्स को बढ़ाने में, जानलेवा बीमारियों से लड़ने में मदद करता है.
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