नई दिल्ली: कोरोना महामारी के आगमन के बाद से दुनियाभर में हेल्थ इंश्योरेंस का महत्व बढ़ गया है. बीते दिनों में, लोगों के बीच हेल्थ इंश्योरेंस की मांग तेजी से बढ़ी है.
लेकिन कई बार ऐसा होता है, जब हमें हेल्थ इंश्योरेंस से जुड़े टर्म्स को समझने में परेशानी का सामना करना पड़ता है. आइए जानते हैं क्या होता है इन टर्म्स का मतलब
प्री-एक्जीस्टिंग डिजीज
उदहारण के तौर पर अगर आप अप्रैल, 2020 में कोई हेल्थ खरीदते हैं, तो आपको अप्रैल, 2020 से पहले जो भी बीमारी हो चुकी हैं अथवा हैं, वे सभी बीमारियां 'प्री-एक्जीस्टिंग डिजीज' के दायरे में आएंगी.
बहुत सी हेल्थ पॉलिसी इन 'प्री-एक्जीस्टिंग डिजीज' को भी कवर करती हैं, लेकिन कंपनियां इन बीमारियों के लिए वेटिंग पीरियड की शर्त रखती हैं. अलग-अलग बीमारियों के लिए वेटिंग पीरियड अलग-अलग रहता है.
यह भी पढ़िए: साइबर अपराधियों के निशाने पर किसान, PM kisan Yojana से जुड़े खातों से उड़ा रहे रुपये
वेटिंग पीरियड
बहुत सी हेल्थ पॉलिसीज ऐसी होती हैं, जिनमें आपको पहले दिन से ही बीमारी का कवरेज नहीं मिलता है. ऐसे में आपको कवरेज क्लेम करने के लिए कुछ दिनों तक इंतजार करना पड़ता है.
अलग-अलग बीमारियों के लिए अलग-अलग वेटिंग पीरियड होता है.
कोरोना काल में भी कई हेल्थ इंश्योरेंस कंपनियां पहले दिन से कोविड-19 का कवर नहीं दे रही हैं, कोरोना संक्रमित होने पर क्लेम लेने के लिए आपको कुछ दिन का वेटिंग पीरियड सर्व करना पड़ सकता है.
ग्रेस पीरियड
अगर आप अंतिम तारीख से पहले अपनी हेल्थ पॉलिसी रिन्यू नहीं करा पाते हैं, तो आपको कुछ दिन का ग्रेस पीरियड मिलता है.
इस पीरियड में अगर आप अपनी पॉलिसी रिन्यू करा लेते हैं, तो आपको पॉलिसी से जुड़े मिलने वाले लाभों में कोई रुकावट नहीं आएगी.
वार्षिक भुगतान वाली पॉलिसी के लिए ग्रेस पीरियड आमतौर पर एक महीने का होता है. मासिक भुगतान वाले ग्रेस पीरियड में यह ग्रेस पीरियड लगभग 15 दिनों का होता है.
को-पेमेंट
यह किसी भी हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी से जुड़ा हुआ बहुत महत्वपूर्ण टर्म है. को-पेमेंट वह राशि होती है, जो आपको अपने पास से जमा करनी होती है, यह क्लेम के दायरे में नहीं होती है.
आमतौर पर को-पेमेंट की राशि कुल क्लेम की 10 प्रतिशत होती है. उदाहरण के तौर पर अगर आपने एक लाख की राशि हेल्थ इंश्योरेंस के तहत क्लेम की है, तो आपको दस हजार रुपये अपने पास से जमा करने होंगे.
राइडर
आप अपने हेल्थ इंश्योरेंस प्लान में सुविधाओं को बढ़वाने के लिए राइडर का चुनाव कर सकते हैं. उदाहरण के तौर पर आप क्रिटिकल इलनेस को राइडर बना सकते हैं.
यह भी पढ़िए: 7th Pay Commission: सरकार ने बढ़ाई फैमिली पेंशन की लिमिट, ढाई गुना से अधिक की बढ़ोत्तरी
Zee Hindustan News App: देश-दुनिया, बॉलीवुड, बिज़नेस, ज्योतिष, धर्म-कर्म, खेल और गैजेट्स की दुनिया की सभी खबरें अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें ज़ी हिंदुस्तान न्यूज़ ऐप.