नई दिल्ली. महंगाई से हर मोर्चे पर जूझ रही आम जनता के लिए राहत भरी खबर सामने आई है. दुनिया की सबसे प्रतिष्ठित रेटिंग एजेंसियों में से एत स्टैंडर्ड एंड पुअर के अर्थशाष्त्रियों का मनना है इस साल के अंत तक भारत में महंगाई नीचे जा सकती है.
इन दो कारणों से नीचे जा सकती है महंगाई
सामान्य मानसून से बंपर कृषि उत्पादन और भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा ब्याज दरों में बढ़ोतरी से महंगाई के मोर्चे पर राहत मिल सकती है. अर्थशास्त्रियों ने यह राय जताई है. खाने पीने के सामानों और पेट्रोल डीजल की महंगी कीमतों की वजह से पिछले दिनों से महंगाई की दर अपने उच्चतम स्तर पर बनी हुई है.
हालांकि, सरकार पेट्रोलियम उत्पादों पर एक्साइज ड्यूटी को कम करके महंगाई को कंट्रोल करने की कोशिश कर रही है. लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि कीमतों को नियंत्रित करने के लिए मौद्रिक नीति पर जोर दिया जाना चाहिए.
कितनी बढ़ी महंगाई
बता दें कि पिछले कुछ दिनों में महंगाई काफी तेजी से बढ़ी है. मई में खुदरा महंगाई दर सालाना आधार पर 7.04 प्रतिशत पर पहुंच गई थी. जबकि अप्रैल में खुदरा महंगाई दर का आंकड़ा 7.79 प्रतिशत था. खुदरा महंगाई के साथ साथ मई में थोक महंगाई दर में भी काफी तेज बढ़ोतरी देखने को मिली थी. थोक महंगाई दर मई में बढ़कर 15.88 प्रतिशत के रिकॉर्ड उच्चस्तर पर पहुंच गई थी.
मानसून की वजह से घटेगी महंगाई
महंगाई के बढ़ने के पीछे सबसे बड़ा कारण खाने पीने के सामानों की बढ़ी हुई कीमतें हैं. एक अनुमान के मुताबिक तीन चौथाई महंगाई खाने पीने के सामानों की वजह से बढ़ी है. सामान्य मानसून सीजन के चलते खाने पीने के सामानों की कीमतों में कमी आने की उम्मीद है.
आने वाले वक्त में और महंगी हो सकती है ईएमआई
अर्थशाष्त्रियों के मुताबिक आने वाले वक्त में भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा रेपो रेट में और भी ज्यादा बढ़ोतरी की जा सकती है. बता दें कि आरबीआई द्वारा अभी हाल ही में रेपो रेट को बढ़ाया गया था. लेकिन आने वाले समय में इसे और 0.80 फीसदी बढ़ाया जा सकता है. बता दें कि रेपो रेट के बढ़ने से तमाम तरह के लोन महंगे हो जाते हैं. जिससे हमारे ऊपर मंथली ईएमआई का बोझ बढ़ जाता है.
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