नूडल-चिप्स में मिला है मांस? इंटरनेट पर वायरल ये पोस्ट सच या झूठ

Video: इंस्टाग्राम पर एक पॉपुलर अकाउंट 'वन विजन मीडिया' का एक वीडियो चर्चा का विषय बना हुआ है. वीडियो में सवाल किया गया कि चिप्स और नूडल्स शाकाहारी होते हैं या फिर ग्राहकों को इनडायरेक्टली मांस खिलाया जा रहा है?

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Aug 17, 2024, 04:44 PM IST
  • नूडल-चिप्स नहीं हैं प्योर वेज?
  • वायरल हो रहे वीडियो का जानें सच
नूडल-चिप्स में मिला है मांस? इंटरनेट पर वायरल ये पोस्ट सच या झूठ

नई दिल्ली:Video: बाजार में खाने के कई पैकेट वाले सामान आते हैं, जिन्हें लोग बड़े मजे से स्वाद लेकर खाते हैं. बिस्किट, चिप्स, नूडल, आदि चीजों का सेवन बड़ी मात्रा में किया जाता है. इन सामानों के ऊपर लाल या हरे रंग का एक निशान बना होता है, जो चीजें शाकाहारी हैं या मांसाहारी, ये दर्शाता है. पर क्या उन मार्क के बाद भी लोगों से धोखा किया जा रहा है.  इंटरनेट पर हाल ही में एक पोस्ट वायरल हो रहा है, जिसमें बताया जा रहा है नूडल और चिप्स में मांस मिलाया जा रहा है. क्या ये दावा सही है? चलिए बताते हैं.

‘वन विजन मीडिया’ का वीडियो क्या?

इंस्टाग्राम पर ‘वन विजन मीडिया’ ने एक पोस्ट शेयर किया है, जिसमें इस बात पर सवाल किया गया है कि चिप्स और नूडल्स वाकई शाकाहारी होते हैं या फिर ग्राहकों को झूठ बोलकर मांस खिलाया जा रहा है? पोस्ट में दावा किया गया कि देश में बिकने वाले 70 फीसदी पैक्ड खाने में नॉन-वेज एलिमेंट हैं. इनको Disodium inosinate (E631) कहते हैं. यहां E का मतलब यूरोप होता है. ये यूरोप में इस्तेमाल होने वाले ई-नंबर खाने को पहचानने के लिए बनाए गए हैं.

क्या होता है E631का अर्थ?

द लल्लनटॉप की रिपोर्ट के अनुसार E600 से E699 तक की कैटेगरी के अंदर आने वाले पदार्थों का स्वाद बढ़ाने वाले एजेंट्स हैं. हालांकि, जितने भी नंबर हैं, उनके वर्गीकरण से ये नहीं पता चलता कि उन पदार्थों कैसे और किस प्रकार बनाया जाता है. रिपोर्ट के मुताबिक डायसोडियम इनोसाइनेट सूअर के मीट, सारडाईन मछली और शराब के बाई प्रोडक्ट के रूप में बनाया जाता है. 

क्या है FSSAI?

हालांकि, कहा तो जाता है कि कसावा नाम की झाड़ियों से इन पदार्थों को बनाया जाता है. ऐसे में ई-नंबर्स ये नहीं बताते हैं कि वो किस चीज से बनाए जा रहे हैं. हालांकि, हो सकता है कि ये मांस से बनाए जा सकते हों, पर उन्हें बनाने के कई अन्य प्राकृतिक तरीके भी हैं. खाने पर हरी या लाल बिंदी भी बताती है कि वो मांसाहारी है या फिर शाकाहारी. इसके अलावा फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्डस ऑफ इंडिया ने भी कंपनियों के लिए कई नियम बनाए हैं, जिनका पालन करना जरूरी होता है.

पोस्ट पर यूजर्स ने दिए रिएक्शन

भारत में ऐसा करना संभव नहीं है क्योंकि यहां फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्डस ऑफ इंडिया के कड़े नियम है. FSSAI के नियमों के आधार पर देखें तो इंस्टाग्राम पर वायरल पोस्ट भ्रामक है. इस पोस्ट को हजारों लोग लाइक कर चुके हैं. कई लोगों ने कमेंट कर कहा कि आज के वक्त में पूरी तरह से शाकाहारी होना बेहद मुश्किल हो गया है.

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