सर्दियों में बच्चे हो जाते हैं निमोनिया का शिकार, हल्के में न लें इसके लक्षण

Pneumonia In Children: सर्दियों में अक्सर बच्चों में निमोनिया का खतरा मंडराता है. इस दौरान बच्चों का सही से ख्याल न रखने पर ये उनके लिए जानलेवा भी साबित हो सकता है. ठंड के मौसम में बच्चों में निमोनिया के इन लक्षणों को जरूर पहचानें. 

Written by - Shruti Kaul | Last Updated : Nov 29, 2023, 02:22 PM IST
  • सर्दियों में जानलेवा हो सकता है निमोनिया
  • निमोनिया बचने के लिए रखें सफाई का ध्यान
सर्दियों में बच्चे हो जाते हैं निमोनिया का शिकार, हल्के में न लें इसके लक्षण

नई दिल्ली: Pneumonia In Children: निमोनिया एक समस्या है, जिसमें बच्चे को खांसी-जुकाम, एक्‍यूट रेस्पिरेट्री इंफेक्‍शन और रेस्पिरेट्री इंफेक्‍शन होता है. इस इंफेक्शन के फेफड़ों तक पहुंचने पर यह आपके बच्चे के लिए घातक साबित हो सकता है. वैसे तो निमोनिया किसी भी मौसम में हो सकता है, लेकिन सर्दियों में ज्यादा नमी होने के कारण वातावरण में बैक्टीरिया और वायरस का संक्रमण तेजी से फैलता है, जिससे इसका खतरा और भी बढ़ जाता है.    

निमोनिया के लक्षण 
वैसे तो सर्दियों में बच्चों को खांसी-जुकाम और बुखार की समस्या होना आम बात है. यह सामान्य तौर पर 4-5 दिनों में ठीक हो जाता है, लेकिन अगर 1-5 साल तक के बच्चे में खांसी-जुकाम 4-5 दिनों के अंदर ठीक नहीं होता है तो यह संक्रमण गंभीर होकर निमोनिया में बदलने लगता है.  

इन 5 लक्षणों को जरूर पहचानें 

बच्चे को खांसी के साथ ही तेज बुखार आना 

बच्चे को सांस लेते समय सीने में तेज दर्द होना 

बच्चे को उल्टी और दस्त आना 

बच्चे के शरीर में पानी की कमी होना 

बच्चे का होंठ और नाखून का नीला पड़ना 

बच्चे की सांसे तेज चलना और घबराहट होना 

घरेलू इलाज 

बच्चे को निमेनिया होने पर आप घर पर ही इन घरेलू तरीकों से उनका इलाज कर सकते हैं.  

साफ-सफाई का रखें ध्यान 
अगर आपके बच्चे को निमोनिया हो गया है तो उसके हाईजीन का पूरा ध्यान रखें. इसके लिए उनका कमरा साफ करें और दिन में 2-3 बार उनके कपड़े जरूर बदलें. वहीं आपका बच्चा जिस बिस्तर पर लेटता है उसके तकिए, चादर और कंबल को अच्छे से साफ रखें.  

हीटर जलाएं 
सर्दियों में बच्चे को निमेनिया होने पर उसके कमरे का तापमान ठीक करने के लिए हीटर जला दें और तापमान गर्म होने पर हीटर को बंद कर दें. इसका अलावा अपने बच्चे को हीटर वाले कमरे से तुरंत ठंडी में न ले जाएं. इससे निमोनिया बढ़ सकता है. अगर अपने बच्चे को बाहक ले जाना है तो कुछ देर पहले हीटर को बंद कर दें ताकी बच्चे का बॉडी टेंपरेचर बाहर से मैच कर सके.  

बच्चे को नहलाएं
निमोनिया होने पर बच्चे के शरीर से कीटाणु निकालने के लिए उन्हें रोज नहलाना बेहद जरूरी होता है. ठंड ज्यादा होने पर बच्चे को गुनगुने पानी से नहलाएं.   

बच्चे को लिक्विड पिलाते रहें 
बच्चे को निमोनिया होने पर उन्हें लिक्विड डाइट दें. इससे उसके शरीर में जमा स्‍पूटम और म्‍यूकस पतला होकर बाहर निकल जाता है. तरल पदार्थ बच्चों को जल्दी रिकवरी के लिए भी खूब मदद करता है. 

एंटीबायोटिक 
निमोनिया होने पर अपने बच्चे को डॉक्टर के पास जरूर ले जाएं. इस दौरान निमोनिया के लक्षण ठीक होने पर डॉक्टर की ओर से दी गई एंटीबायोटिक को अपनी मर्जी से देना बंद न करें. ऐसा करने पर इसका इलाज सही से नहीं हो पाता है और बच्चे को अस्पताल में भर्ती करने की नौबत आ सकती है. 

इन लापरवाही से बचें 
ठंड के मौसम में परिजनों की ओर से की गई लापरवाही बच्चों को निमोनिया का शिकार बनाती है. उन्हें इससे बचाने के लिए गर्म कपड़े पहनाएं. वहीं बच्चे को ठंड न लगे इसके लिए उनके हाथ-पैर और कान ढक कर रखें.  

Disclaimer: यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. Zee Hindustan इसकी पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर ले लें. 

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