नई दिल्ली. आज यानी 5 अगस्त को रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की द्वमासिक मौद्रिक समीक्षा नीति की बैठक में लिए गए फैसलों का आज ऐलान करेगी. ऐसी संभावनाएं जाताई जा रही है कि, महंगाई को कंट्रोल करने के लिए आरबीआई लगातार तीसरी बार रेपो रेट में बढ़ोतरी का ऐलान कर सकती है. अगर आरबीआई फिर से रेपो रेट को बढ़ाती है तो बैंकों द्वारा दिए जाने वाले हर एक तरह के लोन की ब्याज दरें महंगी हो जाएंगी.
मई और जून में बढ़ेंगी रेपो दरें
बता दें कि, अगर इस बार भी रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के द्वारा रेपो रेट में इजाफा किया जाता है तो यह रेपो रेट में लगातार तीसरी बढ़ोतरी होगी. इससे पहले की दो मीटिगों में भी आरबीआई द्वारा रेपो दरों को बढ़ाया गया था. रेपो रेट बढ़ने से सबसे बड़ा झटका उन लोगों को लगेगा जो बैंक से लोन लेने का प्लान बना रहे हैं.
दरअसल रेपो रेट में इजाफे से तमाम तरह के लोन महंगे हो जाते हैं. इससे पहले आरबीआई ने मई में रेपो रेट में 0.40 फीसदी और फिर उसके बाद जून में 0.50 फीसदी की बढ़ोतरी की थी. फिलहाल मौजूदा रेपो रेट 4.9 फीसदी के स्तर पर है. अगर एक बार फिर से रेपो रेट में बढ़ोतरी होती है तो यह कोविड से पहले के स्तर पर पहुंच जाएगी. बता दें कि, कोविड से पहले रेपो रेट 5.15 प्रतिशत पर थी.
इस वजह से महंगा होगा लोन
दरअसल रेपो रेट वह दर होती है जिस रेट पर आरबीआई द्वारा वाणिज्यिक बैंकों जैसे की एसबीआई आदि को लोन दिया जाता है. अगर आरबीआई रेपो रेट को बढ़ाती है तो वाणिज्यिक बैंकों को मिलने वाला लोन भी महंगा हो जाता है. जिस वजह से इन बैंकों द्वारा अपने ग्राहकों को भी महंगा लोन दिया जाता है.
अगर इस बार की मौद्रिक समीक्षा नीति की बैठकों में रेपो रेट को बढ़ाया जाता है तो इससे आपकी जेब पर सीधा असर देखने को मिलेगा. रेपो रेट बढ़ने की वजह से आपके होम लोन, पर्सनल लोन, वाहन लोन आदि की ईएमआई का बढ़ना तय है.
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