नई दिल्ली: 'वॉशिंगटन स्टेट यूनिवर्सिटी' ( WSU) के रिसर्चर्स ने हाल ही में साल्मोनेला और ई कोली बैक्टीरिया के बीच 'बैक्टीरियल वैंपिरिज्म' नाम के एक नए लक्षण का पता लगाया है, जो खाने से जुड़ी बीमारियों का कारण बनता है. बता दें कि वैज्ञानिकों के लिए यह लंबे समय से एक मिस्ट्री बनी हुई है कि कैसे ये माइक्रोऑर्गेनिज्मस इतनी चतुराई से आंत से ब्लड तक पहुंच सकते हैं और इतने घातक हो सकते हैं.
सीरम की ओर होते हैं आकर्षित
रिसर्च के दौरान टीम ने पाया कि ये बैक्टीरिया हमारे ब्लड के लिक्विड पोर्शन यानी सीरम की ओर आकर्षित होते हैं. इनमें मौजूद पोषक तत्व बैक्टीरिया के लिए भोजन का काम कर सकते हैं. ये पैथोजेंस आसानी से पता लगा सकते हैं सिरम कहां है और बेहद आसानी से हमारे डाइजेस्टिव सिस्टम में छोटे-छोटे कट के जरिए ब्लडस्ट्रीम में प्रवेश कर जाते हैं, जिससे अगर कोई व्यक्ति पहले से ही इंफ्लेमेटरी बाउल डिजीज से पीड़ित है तो उसकी मौत भी हो सकती है.
घातक होते हैं बैक्टीरिया
वैज्ञानिकों के मुताबिक खून की थोड़ी सी मात्रा भी वैंपायर बैक्टीरिया को अपनी ओर आकर्षित करने के लिए काफी है. ये पानी की 10 अरब बूंदों में से खून की एक बूंद को भी डिटेक्ट कर सकते हैं. WSU के कॉलेज ऑफ वेटनरी मेडिसिन के प्रोफेसर और को ऑथर आर्डने बायलिंक ने अपने एक बयान में कहा,' रक्तप्रवाह को संक्रमित करने वाले बैक्टीरिया बेहद घातक हो सकते हैं. हमने कुछ बैक्टीरिया की पहचान की, जो रक्तप्रवाह में संक्रमण का कारण बनते हैं. ये वास्तव में इंसानी खून में एक केमिकल को महसूस करते हैं और उसकी तरफ तैरने लगते हैं.'
रिसर्च में हुआ ये खुलासा
'eLife' जर्नल में पब्लिश रिसर्च के मुताबिक 0.000000000001ml सीरम में ई कोली और साल्मोनेला जैसे एंटरोबैक्टीरिया का पता लगाया जा सकता है. जिस कट के जरिए खून आंत में रिस रहा है उसका पता लगने के बाद बैक्टीरिया उसके चारों ओर जमा होने लगते हैं. रिसर्च के लिए टीम ने एक हाई पावर वाला माइक्रोस्कोपिक सिस्टम को डिजाइन किया. इस दौरान रिसर्चर्स ने आंत में ब्लीडिंग को स्टिमुलेट करने के लिए ह्यूमन सीरम की बेहद कम मात्रा को इंजेक्ट किया. इस दौरान उन्होंने एकदम तेजी से बैक्टीरिया को सोर्स की तरफ बढ़ते देखा. वहीं उन्होंने पाया कि इस घातक बैक्टीरिया ने सीरम को खोजने में 1 मिनट से भी कम समय लगाया. वैज्ञानिकों ने यह भी पाया कि साल्मोनेला में एक विशेष तरह का प्रोटीन रिसेप्टर होता है. इसे TSR के नाम से भी जाना जाता है, जो बैक्टीरिया को सीरम की तरफ बढ़ने में मदद करता है.
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