नई दिल्ली: Nightmare Problem: किसी बुरे सपने के कारण पसीना-पसीना होकर, कांपते हुए शरीर और दिल की तेज धड़कन के साथ जागना किसी के लिए भी सुखद अनुभव नहीं रहा है. क्या आपको भी लगातार बुरे सपने आते हैं? वैज्ञानिकों के मुताबिक कुछ लोगों को बुरे सपने आम लोगों के मुकाबले ज्यादा आते हैं. चलिए जानते हैं कि इसका कारण क्या है.
क्यों आते हैं बुरे सपने?
ओरेगन स्टेट यूनिवर्सिटी, एरिजोना यूनिवर्सिटी, टाम्पा यूनिवर्सिटी और व्हिटवर्थ यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों की ओर से की गई एक रिसर्च के मुताबिक, जो लोग अकेले होते हैं उन्हें बुरे सपने आने की ज्यादा संभावना होती है. रिसर्च से जुड़े 'कॉलेज ऑफ लिबरल आर्ट्स' के स्कूल ऑफ कमयूनिकेशन के डायरेक्टर डॉक्टर कोलिन हेस्से ने कहा,' जब लोगों की मजबूत रिश्ते की जरूरत पूरी नहीं हो पाती है तो वे मानसिक, शारीरिक और सामाजिक रूप से पीड़ित होते हैं.'
इन लोगों को ज्यादा आते हैं बुरे सपने?
'जर्नल ऑफ साइकोलॉजी' में पब्लिश इस रिसर्च में 18-81 साल के अमेरिकी व्यसकों पर सर्वे किया गया. सर्वे के दौरान पता चला कि जो लोग खुद को अकेला बताते हैं उन्हें बुरे सपने ज्यादा आते हैं. अकेलेपन को बुरे सपनों से जोड़ने के कई कारण हो सकते हैं, जैसे चिंता, बेचैनी और ज्यादा सतर्क रहने की कोशिश करना. वैज्ञानिकों के मुताबिक अकेले रहने के कारण लोगों में ऐसी मानसिक अवस्थाओं का अनुभव ज्यादा होता है, जिसके चलते उन्हें बुरे सपने आते हैं.
कैसे कम हो सकते हैं बुरे सपने?
डॉक्टर हेस्से के मुताबिक अच्छी नींद हमारी मेंटल और फिजिकल हेल्थ के लिए बेहद जरूरी है. ऐसे में उन मनोवैज्ञानिक स्थितियों की जांच करना बेहद जरूरी है, जो नींद में खलल डालती हैं. इसमें अकेलापन मुख्य कारण है. डॉक्टर हेस्से का कहना है कि उनकी रिसर्च का निष्कर्ष इस तरफ जरूर प्रकाश डालता है कि अकेलेपन का इलाज करने से बुरे सपनों को कम करने में मदद मिल सकती है.
Disclaimer: यहां दी गई सभी जानकारी स्टडी पर आधारित है. Zee bharat इसकी पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें
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