चंद्र ग्रहण पर कई मिनट तक लाल रहेगा आसमान, जानें क्यों कहा जा रहा ब्लड मून

चंद्र ग्रहण तब होता है जब चंद्रमा पृथ्वी की छाया से होकर गुजरता है.  पूर्ण ग्रहण में, चंद्रमा पूरी तरह से छिप जाता है और लाल/नारंगी झलक देता है. कल के ग्रहण में समग्रता की अवधि - जब चंद्रमा पूरी तरह से छाया में डूब जाएगा - 85 मिनट की होगी. 

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Nov 7, 2022, 01:48 PM IST
  • चंद्रमा तक जाने वाला प्रकाश पृथ्वी वायुमंडल से गुजरेगा
  • धूल पर निर्भर करेगा की ग्रहण में चांद कितना लाल होगा
चंद्र ग्रहण पर कई मिनट तक लाल रहेगा आसमान, जानें क्यों कहा जा रहा ब्लड मून

मेलबर्न/नई दिल्ली: कल यानी 8 नवंबर बुधवार की शाम भारत के अलावा पूरे ऑस्ट्रेलिया और न्यूज़ीलैंड में पूर्ण चंद्र ग्रहण दिखाई देगा. बशर्ते मौसम इसकी इजाजत दे. यह चंद्र ग्रहण खास है क्योंकि इसके बाद अगला चंद्रग्रहण 2025 तक हमारे क्षेत्र से दिखाई नहीं देगा. यह बात कही है तान्या हिलसीनियर ने. तान्या द यूनिवर्सिटी ऑफ़ मेलबर्न के संग्रहालय विक्टोरिया में क्यूरेटर (खगोल विज्ञान) और मानद फेलो हैं. 

लाल/नारंगी झलक
तान्या के मुताबिक चंद्र ग्रहण तब होता है जब चंद्रमा पृथ्वी की छाया से होकर गुजरता है. यदि चंद्रमा केवल आंशिक रूप से छाया डालता है, तो वह आंशिक ग्रहण होता है. पूर्ण ग्रहण में, चंद्रमा पूरी तरह से छिप जाता है और लाल/नारंगी झलक देता है. कल के ग्रहण में समग्रता की अवधि - जब चंद्रमा पूरी तरह से छाया में डूब जाएगा - 85 मिनट की होगी. 

क्यों लाल हो जाएगा चांद
चंद्रमा की सतह तक पहुंचने वाला प्रकाश पहले पृथ्वी के वायुमंडल से होकर गुजरेगा, यही वजह है कि चंद्रमा लाल रंग का हो जाएगा. यह कितना लाल दिखाई देता है यह इस बात पर निर्भर करेगा कि उस समय पृथ्वी का वातावरण कितना धूल भरा होगा. परिवार और दोस्तों के साथ इस नजारे का आनंद लेना एक अद्भुत अनुभव होगा, खासकर जब आपको इसे देखने के लिए किसी उपकरण की आवश्यकता नहीं होगी. 

क्यों चंद्र ग्रहण देखना सुरक्षित है
इसे देखना सुरक्षित भी है - सूर्य ग्रहण में जहां सूर्य को देखते समय विशेष देखभाल की जानी चाहिए, चंद्र ग्रहण को देखना सुरक्षित है. धुंधलके का चाँद या आधी रात का चाँद? चंद्र ग्रहण के समय पृथ्वी के जिस हिस्से में रात होगी, वहां प्रत्येक व्यक्ति यह चंद्र ग्रहण देख सकेगा. लेकिन वह आपके लिए कौन सा समय है यह आपके टाइमज़ोन पर निर्भर करेगा. न्यूजीलैंड में ग्रहण देर शाम को लगेगा और अधिकतम ग्रहण मध्यरात्रि से ठीक पहले होगा. 

ग्रहण चंद्रोदय के आसपास
पूरे ऑस्ट्रेलिया में ग्रहण चंद्रोदय के आसपास होगा. तो चंद्रमा आकाश में बहुत नीचे होगा और ग्रहण के शुरुआती चरणों के दौरान गोधूलि चमक से जूझ रहा होगा. पूर्वी ऑस्ट्रेलिया में पूर्ण चंद्रमा के उदय के तुरंत बाद ग्रहण दिखाई देगा. आप जितने उत्तर की ओर होंगे, ग्रहण शुरू होने की आपको उतनी ही देर प्रतीक्षा करनी होगी. 

चंद्रमा भ्रम
यदि आप चंद्रमा के उदय के तुरंत बाद ग्रहण देखते हैं, तो उम्मीद करें कि यह अद्भुत लगेगा. ऐसा इसलिए है क्योंकि "चंद्रमा भ्रम" जैसी एक चीज हमारी नजरों के सामने होगी. यह वह जगह है जहां आपके मस्तिष्क को धोखा दिया जाता है और जब चंद्रमा क्षितिज पर कम होता है, तो आकाश में ऊंचे होने की तुलना में चंद्रमा बहुत बड़ा दिखता है. 

लेकिन यह केवल चंद्रमा नहीं है जिसकी आपको तलाश करनी चाहिए. ग्रहण की रात को पृथ्वी से दिखाई देने वाला बर्फ का विशालकाय यूरेनस चंद्रमा के पास दिखाई देगा. इसलिए यदि आपके पास दूरबीन की एक जोड़ी है, तो आप यूरेनस को समग्रता के दौरान देखने की कोशिश कर सकते हैं, जब चंद्रमा का प्रकाश हस्तक्षेप नहीं करेगा. ग्रहण के अगले दिन, 9 नवंबर को यूरेनस दूसरी तरफ पहुंच जाएगा, जिसका अर्थ है कि यह - पूर्णिमा की तरह - सूर्य के आकाश के विपरीत भाग में होगा.

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(Disclaimer: यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. Zee Hindustan इसकी पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर ले लें.)

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