नई दिल्ली: देश के प्रधानमंत्री की लोकप्रियता भी कोरोना के विरुद्ध देश के युद्ध में कारगर साबित हो रही है. उनके कहने पर देश के सवा सौ करोड़ लोगों ने स्वयं को घरों में लॉकडाउन करके कोरोना के विरुद्ध अपना अत्यंत महत्वपूर्ण योगदान देना प्रारम्भ कर दिया है. किन्तु फिर भी वो लोग जो अनिवार्य सेवाओं के लिए घरों से बाहर हैं और वे लोग जो दिन में एक-आध baa अनिवार्य कारणों से घर से बाहर निकलने को विवश हैं उनके लिए कुछ सावधानियां जाननी उतनी ही जरूरी हैं जितना उन पर अमल.
क्यों नहीं निकलना है घर से बाहर
ज़ाहिर है लोगों को घर से निकलने से रोकने के लिए ही लॉकडाउन करना पड़ा है. उसका कारण ये है कि लोग घर से बाहर निकलेंगे तो उनमें वो लोग भी हो सकते हैं जिनको कोरोना का संक्रमण हो गया हो और उनको पता न हो. ऐसे लोग घर से बाहर निकल कर अनजाने में ही दूसरों को छू करके या हाथ मिला कर के या छींक करके और खांस करके संक्रमण दूसरों में फैला सकते हैं.
क्या है कोरोना का स्टेज थ्री
कोरोना का स्टेज थ्री अर्थात कोरोना का गुणात्मक संक्रमण. बाहर से संक्रमित हो कर आये लोगों से जब दूसरे लोगों को संक्रमण होता है तो वह स्टेज टू का संक्रमण होता है और ज़ाहिर है कि ऐसे संक्रमणो के मामले बहुत अधिक नहीं हो सकते.
किन्तु जब ये संक्रमित लोग अपने अपने समुदायों में अपने अपने समाज में एक से दूसरे को यह संक्रमण देने लग जाते हैं तो इसे स्टेज थ्री कहा जाता है क्योंकि यह तब गुणात्मक रूप से बढ़ता है अर्थात एक से दो को और दो से चार को तथा उसके बाद चार से सोलह लोगों को संक्रमित करते हुए आगे बढ़ने लग जाता है. देश के लिए स्टेज थ्री का संक्रमण सबसे घातक होता है जो देश में गुणात्मक रूप से बढ़ कर अपना विकराल रूप दिखा सकता है.
क्यों नमस्ते करना है
इसका कारण ये है कि अब नमस्ते की भारतीय अभिवादन शैली विश्व में सराही जा रही है और अपनाई जा रही है. मृत्यु के भय से लोगों को भारत का नमस्ते बहुत पसंद आ रहा है. नमस्ते का अर्थ है दूर से नमस्कार. हाथ नहीं मिलाना है क्योंकि इस तरह कोरोना का वायरस एक हाथ से दूसरे हाथ जा सकता है और उसके बाद उस व्यक्ति के घर और पड़ोस को भी संक्रमित कर सकता है.
क्यों धोना है बार बार हाथ
सबसे जरूरी बात जो बार-बार करने को कही जा रही है वह है कि थोड़ी थोड़ी देर बाद हांथ धोइये. इसमें अज्ञानियों का प्रश्न ये हो सकता है कि जब हम घर पर हैं तो बार बार हांथ धोने की आवश्यकता क्या है. उनके लिए यह बताना आवश्यक है कि आप नहीं जानते कि कोरोना वायरस बाहर से चल कर आप के घर कहां किस कोने में और कौन कौन सी वस्तुओं में आ चुका है. इसलिए आप अगर उन वस्तुओं को अनजाने में प्रयोग कर रहे हैं या छू रहे हैं तो आपको बार बार हाथ धोना आपकी जान बचा सकता है.
क्यों तय किया गया है 21 दिन का लॉकडाउन
कोरोना वायरस सिर्फ जीवित प्राणियों की त्वचा पर ही लम्बे समय तक जीवित रहता है. अन्य सभी धरातलों पर तीन घंटों से ले कर तीन दिन जीवित रहता है. हमारी त्वचा पर भी या वायरस दो हफ़्तों से अधिक समय तक जीवित नहीं रह सकता. इसलिए तीन हफ्ते का लॉकडाउन पीरियड तय किया गया है.
कैसे आपको नुकसान पहुंचाता है कोरोना वायरस
कोरोना वायरस चलता नहीं है अपनी जगह पर बैठा रहता है. जब यह प्राणियों के शरीर के भीतर पहुंचता है तब यह चलना शुरू करता है. चलने के बाद यह वायरस अपना असली काम शुरू करता है अर्थात हमें नुकसान पहुंचाने का इसका घातक कार्य तब ही प्रारम्भ होता है. हम इस वायरस को अपने हाथ के माध्यम से मुंह नाक आंख और कान के माध्यम से अपने शरीर के भीतर भेज देते हैं.
इसके बाद यह गले में जा कर म्यूकस जमा करने लगता है और सीने में पहुंच कर फेफड़ों को संक्रमित करता है. फेफड़ों में पानी भर कर उसे बुरी तरह निष्क्रिय कर देता है और सांस लेनी मुश्किल हो जाती है. इसके बाद मरीज को खांसी आने लगती है. गला चौक होने लगता है और तेज़ बुखार हो जाता है. इतना ही नहीं आंखें भी लाल होने लगती हैं. तब मरीज क निमोनिया हो जाता है और उसकी जान पर बन आती है.
क्यों एकत्र नहीं होना है एक स्थान पर
एक साथ एक स्थान पर एकत्र होने से लोगों के बीच हाथ मिलाने, एक दूसरे को छूने और अलग अलग वस्तुओं को छूने की संभावना बढ़ जाती है जिससे कोरोना वायरस वहां वहां फ़ैल सकता है. इतना ही नहीं साथ खड़े होने पर खांसी और छींक के कारण भी यह वायरस एक से दूसरे तक बूंदों के रूप में पहुँच सकता है जो शरीर के खुले हिस्सों पर या में कपड़ों में चिपक जाता है.
क्यों मास्क लगाना है मुंह पर
मास्क लगाने का सीधा अर्थ तो यह है कि यदि कहाँ हवा में उपस्थित कोरोना वायरस आपके सम्पर्क में आता है तो यह सांस के माध्यम से सीधे आपके भीतर न चला जाए. दूसरी बात ये है कि मास्क लगा होने से आपके आसपास यदि कोई संक्रमित व्यक्ति छींक दे या खांस दे - तो उसकी बूंदें आपके मुँह में न चली जाएं. मास्क लगा होने से आपका हाथ सीधे आपके मुँह में नहीं जा पायेगा. और जब भी आपको कुछ खाना या पीना हो तो आपको मास्क हटाना पड़ता है और इस समय स्मरण हो जाता है कि हाथ धो कर ही खाना है.
क्यों पहनने हैं दस्ताने
मास्क की तरह ही आपके दस्ताने भी आपका कोरोना वायरस से बचाव करते हैं. याद रखिये कोरोना वायरस के मददगार आप खुद ही हैं. आपका हाथ, आपका मुंह, आपकी नाक, आंख और कान वायरस को आपके भीतर पहुंचने में सहायता करते हैं. कोरोना वायरस के प्रति इस सहायता में सबसे बड़ी और सबसे पहली भूमिका निभाता है आपका हाथ.
इसलिए इन हाथों को अगर आप दस्ताने से ढके रखेंगे तो ये आपके भीतर वायरस को जाने से बचाव करेंगे. आपको जब भी मुंह, आँख, नाक, कान को छूने या खुजलाने की जरूरत पड़ेगी तब आपको दस्ताने उतारने होंगे और इस समय आपको अपने हाथ साबुन से धोने या सैनेटाइज़ करने की ज़रूरत पड़ेगी.
क्यों धोना है बीस से पच्चीस सेकंड तक
यदि आप सैनेटाइजर का इस्तेमाल कर रहे हैं तो बहुत अच्छा. किन्तु सैनेटाइजर के न होने पर आपको साबुन से हाथ धोना होगा जो कि उतना प्रभावी नहीं होगा कि हाथ में लगते ही कोरोना वायरस को मार दे.
इसे भी पढ़ें: 69 दवायें मारेंगी कोरोना वायरस को
इसलिए बीस से पच्चीस सेकंड तक अगर आप हाथ साबुन लगा कर मसलते हैं तो पूरी संभावना है कि कोरोना वायरस परलोक चला जाए और आपका हाथ भोजन हेतु शुद्ध हो जाएगा.
इसे भी पढ़ें: दुनिया को तबाह करना चाहता है चीन? इसीलिए कोरोना को बनाया सीक्रेट हथियार, पढ़ें सबूत
इसे भी पढ़ें: दुनिया ताकती रह गई, भारत ने तैयार कर लिया कोरोना का इलाज