अमेरिका ने लैब में बनाया सबसे घातक कोरोना वायरस, जानें क्यों है ये मौत का दूसरा नाम

बोस्टन विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं की एक टीम ने कोरोना का यह नया वायरस बनाया है. ओमीक्रोन और वुहान के पहले कोरोना वायरस के मेल से तैयार किया गया है इस नए घातक वायरस को. यह पांच गुना तेज लोगों को संक्रमित करता है.   

Written by - Laveena Jethani | Last Updated : Oct 20, 2022, 12:48 PM IST
  • टीम ने ओमीक्रोन से स्पाइक प्रोटीन निकाला
  • इसे महामारी के शुरुआती स्ट्रेन के साथ जोड़ा
अमेरिका ने लैब में बनाया सबसे घातक कोरोना वायरस, जानें क्यों है ये मौत का दूसरा नाम

न्यूयॉर्क: अमेरिकी शोधकर्ताओं ने कोरोना वायरस पर नया प्रयोग कर दुनिया भर में सनसनी मचा दी है. वैज्ञानिकों ने लैब में कोरोना वायरस का नया वैरिएंट तैयार किया है जो अब तक का सबसे घातक कोरोना वैरिएंट माना जा रहा है. बोस्टन विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं की एक टीम ने कई परीक्षणों के बाद इस कोविड-19 स्ट्रेन को बनाने का दावा किया है. ठीक वैसे जैसे शुरू में माना जाता था कि कोरोना महामारी को चीन ने दुनिया भर में लॉन्च किया. 

इस वायरस से संक्रमित लोगों में से 80 फीसद पर मौत का खतरा है. शोधकर्ताओं ने कहा कि नए स्ट्रेन में ओमीक्रोन वैरिएंट की तुलना में पांच गुना अधिक संक्रामक वायरस कण हैं. 

ओमीक्रोन और मूल वायरस का संयोजन 
शोधकर्ताओं ने कहा कि, वुहान में ओमीक्रोन और मूल वायरस के संयोजन ने 80 प्रतिशत चूहों को मार डाला. जब चूहों को केवल ओमीक्रोन के संपर्क में लाया गया, तो हल्के लक्षणों का अनुभव किया.

कैसे हुआ लैब में वायरस निर्माण
स्कूल की नेशनल इमजिर्ंग इंफेक्शियस डिजीज लेबोरेटरीज में फ्लोरिडा और बोस्टन की टीम ने ओमीक्रोन से स्पाइक प्रोटीन निकाला और इसे चीन के वुहान में शुरू हुई महामारी की शुरूआत में पाए गए स्ट्रेन के साथ जोड़ा. फिर देखा कि चूहों ने हाइब्रिड स्ट्रेन पर कैसे प्रतिक्रिया दी. रिसर्च पेपर में कहा गया- चूहों में ओमीक्रोन हल्के और गैर घातक संक्रमण का कारण बनता है, हाइब्रिड वायरस 80 फीसदी मृत्यु दर के साथ गंभीर बीमारी पैदा करता है. स्पाइक प्रोटीन संक्रामता के लिए जिम्मेदार है, वहीं इसकी संरचना के अन्य हिस्सों में परिवर्तन से ये घातक हो जाता है. 

कोविड-19 अभी भी स्वास्थ्य आपातकाल : डब्ल्यूएचओ
उधर, विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने बुधवार को कहा कि कोविड-19 अभी भी अंतर्राष्ट्रीय चिंता का एक सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल (पीएचईआईसी) है, जो डब्ल्यूएचओ का सर्वोच्च अलर्ट स्तर है. हालांकि यह घोषणा हुई कि महामारी शुरू होने के बाद से साप्ताहिक मौतों की संख्या लगभग अपने न्यूनतम स्तर पर है.

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