नई दिल्ली: धनतेरस के शुभ अवसर पर लोग सोना यानी गोल्ड खरीदते हैं. गोल्ड खरीदना बेहद शुभ माना जाता है. इसी वजह से दिवाली के आते-आते सोने के रेट काफी बढ़ जाते हैं. बढ़ते रेट की वजह से नकली गोल्ड, धोखाधड़ी और ठगी के मामले शुरू हो जाते हैं. गोल्ड ज्वेलरी की प्योरिटी की पहचान के लिए हॉलमार्क विश्वसनीय माना जाता है. हॉलमार्क सोने की शुद्धता का प्रमाण है.
नकली हॉलमार्क
गोल्ड ज्वेलरी की प्योरिटी की पहचान हॉलमार्क माना जाता है. हॉलमार्क वाला सोना शुद्ध माना जाता है. लेकिन क्या आप जानते हैं मार्केट में नकली हॉलमार्क बनने लगे हैं. सोने की बढ़ती कीमत के बीच कुछ लोग नकली हॉलमार्क लगाकर ग्राहकों के साथ धोखाधड़ी करते हैं. ऐसे में गोल्ड ज्वेलरी लेते समय हॉलमार्क जरूर चेक करना चाहिए.
कैसे करें पहचान
गोल्ड ज्वेलरी की पहचान करने वाले हॉलमार्क पर BIS का लोगो होना चाहिए. BIS (Bureau of Indian Standards) का लोगो त्रिकोणीय आकार का होता है. बीआईएस सर्टिफाइड है और यह असली है. असली हॉलमार्क पर 6 अंकों का HUID यानी हॉलमार्क यूनीक आइडेंटफिकेशन कोड लिखा होता है. इस कोड को आप BIS केयर ऐप पर डालकर चेक कर सकते हैं.
हॉलमार्किंग का चिन्ह
असली हॉलमार्क पर हॉलमार्किंग केंद्र का चिन्ह होता है. असली हॉलमार्क पर किसी भी तरह का धब्बा या खरोंच नहीं होता है. हर तरह की डिटेल साफ-साफ नजर आती है. अगर आप गोल्ड ज्वेलरी खरीद रहे हैं तो हॉलमार्क का कलर भी चेक करें. असली हॉलमार्क पर ज्वेलरी जैसी ही चमक होती है.
शुद्धता
असली हॉलमार्क को पहचानने के लिए गोल्ड ज्वेलरी लेते ध्यान दें कि हॉलमार्क पर सोने की शुद्धता 22 कैरेट, 18 कैरेट वाले चिन्ह को ध्यान से देखें. हॉलमार्क के साथ-साथ ज्वेलरी पर ब्रांड का लोगो भी बना रहता है. इससे भी आप पता कर सकते हैं कि हॉलमार्क असली है या नकली
(Disclaimer: यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. Zee Bharat इसकी पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.)
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