UGC Guidelines: अब एक साथ दो कोर्स में ले सकेंगे दाखिला, नई गाइडलाइंस से मिलेगा ये फायदा

UGC New Guidelines: यूजीसी की नई गाइडलाइंस के तहत छात्रों को यह सहूलियत भी मिलेगी कि वे एक साथ दो कोर्स भी कर सकते हैं. साथ ही देश में शिक्षा के मॉडल को मजबूत करने के लिए अब सिर्फ तीन तरह के संस्थान ही होंगे.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Sep 3, 2022, 02:18 PM IST
  • अब कोर्स करने के लिए मिलेगा मल्टीपल एंट्री-एग्जिट
  • छात्रों के लिए बनेगा ऐकेडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट
UGC Guidelines: अब एक साथ दो कोर्स में ले सकेंगे दाखिला, नई गाइडलाइंस से मिलेगा ये फायदा

नई दिल्ली: अभी तक छात्रों के लिए किसी एक विषय की पढ़ाई करने के बाद किसी दूसरे विषय की पढ़ाई के लिए एडमिशन लेने में काफी मुश्किल का सामना करना पड़ता था, लेकिन अब यूजीसी की नई गाइडलाइंस आने के बाद अब उन्हें इस समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा. यूजीसी की नई गाइडलाइंस में अब छात्रों को यह सहूलियत दी जाएगी कि वे अब हायर एजुकेशन में हर तरह के कोर्स की पढ़ाई और उसके लिए किसी संस्थान में दाखिला ले सकेंगे. 

अब कोर्स करने के लिए मिलेगा मल्टीपल एंट्री-एग्जिट

अब कोई भी छात्र अपनी जरूरत के हिसाब से बीच में अपनी पढ़ाई को रोककर कुछ समय बाद वह उस कोर्स को वहीं से वापस शुरू कर सकता है.  

इसका अर्थ यह हुआ कि अब छात्र एक कोर्स में मल्टिपल एंट्री-एग्जिट ले सकते हैं, जो कि पहले संभव नहीं था. अब छात्रों पर किसी कोर्स को पूरा करने के लिए कोई दबाव नहीं रहेगा. 

अब एक साथ कर सकेंगे दो कोर्स

कोरोना काल में ऑनलाइन शिक्षा को बढ़ावा देने के बाद अब छात्रों को यह सहूलियत भी मिलेगी कि वे एक साथ दो कोर्स भी कर सकते हैं. अगर कोई छात्र किसी कोर्स में ऑफलाइन क्लासरूम शिक्षा का लाभ उठा रहा है, तो वह उसी के साथ ऑनलाइन मोड़ में पढ़ाई के लिए किसी दूसरे कोर्स में भी दाखिला ले सकते हैं. 

इसके अलावा अब मैनेजमेंट, लॉ, इंजीनियरिंग और भी एक ही डोमेन के संस्थान मिलकर एक साथ आकर छात्रों को डिग्री दे सकते हैं, इससे छात्रों को अलग-अलग संस्थानों में दाखिला लेने की समस्या का सामना भी नहीं करना पड़ेगा. 

इस नई पॉलिसी को सत्र 2022-23 से सभी संस्थानों में लागू किया जा सकता है. 

छात्रों के लिए बनेगा ऐकेडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट

अब छात्र 7 साल तक जो भी पढ़ाई करेंगे या जो भी डिग्री हासिल करेगे, उसका स्कोर ऐकेडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट में सुरक्षित रखा जाएगा. यूजीसी छात्रों के लिए यह नई सुविधा लेकर आ रही है, इसके माध्यम से जो छात्र किसी कारणवश बीक में पढ़ाई छोड़ देते हैं और बाद में उसे जारी रखना चाहते हैं, उन्हें किसी तरह की समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा. 

इससे अब छात्रों को उनकी पढ़ाई के हिसाब से यानी 2 वर्ष की पढ़ाई के आधार पर डिप्लोमा डिग्री और 3 साल की पढ़ाई पर डिग्री की उपाधि दी जाएगी. 

देश में अब सिर्फ होंगे तीन तरह के संस्थान

देश में शिक्षा के मॉडल को मजबूत करने के लिए अब सिर्फ तीन तरह के संस्थान ही होंगे. इन्हें इस तरह अलग-अलग केटेगरी में विभाजित किया गया है: 
1. रीसर्च
2. टीचिंग
3. ऑटोनॉमस

अगर किसी संस्थान में छात्रों की संख्या तीन हजार से अधिक है, तो वे अपने स्तर पर छात्र को डिग्री प्रदान कर सकते हैं, इसके अलावा वे किसी अन्य संस्थान के साथ मिलकर भी छात्र को डिग्री प्रदान कर सकते हैं. 

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